15-May-2025
थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति
भारतीय अर्थव्यवस्था
चर्चा में क्यों?
भारत के थोक मूल्य सूचकांक (WPI) द्वारा मापी गई मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर 1.26% पर पहुँच गई, जो 13 महीने का उच्चतम स्तर है। ऐसा उच्च खाद्य मुद्रास्फीति और ईंधन एवं बिजली की कीमतों में 1.4% की वार्षिक वृद्धि के कारण हुआ, जिससे इन क्षेत्रों में कई महीनों से जारी अपस्फीति समाप्त हो गई।
थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के बारे में
- WPI थोक विक्रेताओं द्वारा अन्य व्यवसायों को थोक में बेचे गए माल की कीमतों में परिवर्तन को ट्रैक करता है।
- इसे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग के आर्थिक सलाहकार कार्यालय द्वारा मासिक आधार पर संकलित एवं प्रकाशित किया जाता है।
- यह सूचकाँक किसी एक दिन के बजाए पूरे महीने के लिये औसत मूल्य स्तर का अनुमान दर्शाता है।
- विश्लेषक उद्योग, विनिर्माण और निर्माण जैसे क्षेत्रों में आपूर्ति-मांग की गतिशीलता को समझने के लिये WPI डाटा का उपयोग करते हैं।
- थोक मूल्य सूचकांक में वृद्धि अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीतिकारी दबाव का संकेत देती है, जबकि गिरावट अपस्फीतिकारी प्रवृत्तियों का संकेत देती है।
- थोक मूल्य सूचकांक में माह-दर-माह होने वाला परिवर्तन थोक मुद्रास्फीति के स्तर को मापता है।
WPI और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के बीच अंतर:
- WPI केवल वस्तुओं के थोक मूल्यों को मापता है, जबकि CPI वस्तुओं और सेवाओं की एक टोकरी के लिये घरों द्वारा भुगतान की जाने वाली औसत खुदरा कीमतों को मापता है।
- WPI में सेवाएँ शामिल नहीं हैं, जबकि CPI में वस्तुएँ और सेवाएँ दोनों शामिल हैं।
- हालांकि WPI कई अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति का एक प्रमुख संकेतक बना हुआ है, लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) अब इसका उपयोग मौद्रिक नीति निर्णयों जैसे कि रेपो दरें निर्धारित करने के लिये नहीं करता है। इसके बजाए, RBI इस पर निर्भर करता है।
WPI की गणना कैसे की जाती है?
- WPI की गणना वस्तुओं की एक निश्चित टोकरी के मूल्यों के भारित औसत के रूप में की जाती है, जिसमें कुल थोक व्यापार में प्रत्येक वस्तु की हिस्सेदारी के अनुसार भार निर्धारित किया जाता है।
- इस टोकरी में संबंधित भार के साथ तीन मुख्य समूह शामिल हैं:
- प्राथमिक लेख (22.62%)
- ईंधन और बिजली (13.15%)
- निर्मित उत्पाद (64.23%)
- 2011-12 की WPI श्रृंखला कुल 697 वस्तुओं की कीमतों पर नज़र रखती है: 117 प्राथमिक वस्तुएँ, 16 ईंधन और बिजली वस्तुएँ तथा 564 विनिर्मित वस्तुएँ।