23-Jun-2025
पोर्टुलाका भारत
पर्यावरण और पारिस्थितिकी
चर्चा में क्यों?
जयपुर के निकट अरावली पहाड़ियों में एक नई स्थानिक पुष्पीय पादप प्रजाति, पोर्टुलाका भारत की खोज की गई है।
पोर्टुलाका भारत के बारे में
- यह नवीन खोजी गई पुष्पीय पौधा प्रजाति राजस्थान में जयपुर के समीप पथरीली, अर्द्ध-शुष्क अरावली पहाड़ियों में पाई गई है।
- ज्ञात संख्या के अभाव के कारण वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की रेड लिस्ट के तहत "डेटा की कमी" के रूप में मूल्यांकित किया गया है।
- इसे भारतीय स्थानिक प्रजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसकी पर्यावास आवश्यकताएँ सीमित हैं।
- यह पौधा पर्यावास क्षरण तथा जलवायु परिवर्तन के प्रति अत्यंत संवेदनशील है।
- यह पोर्टुलाका वंश से संबंधित है, जिसमें विश्व भर में लगभग 153 प्रजातियाँ शामिल हैं, जो मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाती हैं।
- यह प्रजाति अपने मांसल, सूखा-रोधी लक्षणों के लिये जानी जाती है, जो कठिन परिस्थितियों में अनुकूलन में सहायक होती है।
- भारत में पोर्टुलाका की 11 ज्ञात प्रजातियाँ हैं, जिनमें से 4 स्थानिक हैं, जो मुख्यतः अर्द्ध-शुष्क एवं शुष्क क्षेत्रों में पाई जाती हैं।
अरावली पर्वतमाला के बारे में
- यह विश्व की सबसे प्राचीन वलित पर्वतों में से एक है।
- लंबाई: लगभग 670 किमी, जो दिल्ली से शुरू होकर हरियाणा, राजस्थान से होती हुई गुजरात में समाप्त होती है।
- सर्वोच्च शिखर: गुरु शिखर (1,722 मीटर), जो राजस्थान के अर्बुदा पर्वत क्षेत्र में स्थित है।
- मुख्य नदियाँ:
- बनास तथा साहिबी (दोनों यमुना की सहायक नदियाँ)
- लूनी नदी (कच्छ के रण में बहती है)
- भौगोलिक संरचना:
- दिल्ली पर्वतीय क्षेत्र का एक भाग, जो प्रोटेरोज़ोइक युग के दौरान विवर्तनिकी टकरावों के कारण बना था।
- यह भारतीय शील्ड से संबंधित है, जिसका आकार प्राचीन क्रेटोनिक टकरावों से बना है।
- यह पर्वतमाला पहले अत्यंत ऊँची थी, परंतु लाखों वर्षों की अपरदन क्रिया के कारण अब निम्न हो चुकी है।
- इसमें ताँबा, ज़िंक, सीसा तथा मार्बल जैसे खनिजों की भरपूर मात्रा पाई जाती है।
- विभाजन:
- सांभर–सिरोही शृंखला (अधिक ऊँची, जिसमें गुरु शिखर सम्मिलित है)
- सांभर–खेतड़ी शृंखला (तीन असतत पर्वत श्रेणियाँ)
MCQ के माध्यम से तैयारीप्रश्न. नवीन खोजी गई प्रजाति पोर्टुलाका भारत कहाँ पाई गई? (1) पश्चिमी घाट उत्तर: (3) जयपुर के पास अरावली पर्वतमाला |