18-Sep-2025
पीएम विश्वकर्मा योजना की दूसरी वर्षगाँठ
विविध
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) ने बिहार के बोधगया में 'पीएम विश्वकर्मा एवं राष्ट्रीय SC-ST हब मेगा कॉन्क्लेव' का आयोजन किया।
- केंद्रीय क्षेत्रक योजना (वित्त वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक): 17 सितंबर, 2023 को हस्तचालित एवं औजार-आधारित कार्य करने वाले पारंपरिक दस्तकारों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करने के लिये शुरू की गई थी।
- कार्यान्वयन: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME), कौशल विकास मंत्रालय एवं वित्त मंत्रालय।
- पात्रता: 18 पारंपरिक व्यवसायों में कार्यरत् दस्तकार/शिल्पकार, स्वरोज़गार से जुड़े हुए आयु 18 वर्ष या उससे अधिक, सक्रिय रूप से कार्यरत्, पिछले 5 वर्षों में समान प्रकार का ऋण न लिया हो
- शामिल व्यवसाय: बढ़ई, नाव निर्माता, हथियार निर्माता, लोहार, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार आदि।
- लाभ
- मान्यता प्राप्ति: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान-पत्र प्रदान किये जाते हैं।
- कौशल उन्नयन: आधुनिक औज़ारों और मशीनरी पर प्रशिक्षण के लिये ₹500 प्रतिदिन का वज़ीफा।
- टूलकिट प्रोत्साहन: गुणवत्तापूर्ण औजार खरीदने हेतु ₹15,000 का ई-वाउचर।
- ऋण सहायता: बिना जमानत के ‘एंटरप्राइज डेवलपमेंट लोन’।
- डिजिटल लेन-देन प्रोत्साहन: प्रत्येक डिजिटल लेन-देन पर ₹1 का प्रोत्साहन (अधिकतम 100 लेन-देन/माह तक)।
- विपणन सहयोग: गुणवत्ता प्रमाणन एवं GeM जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़ाव।
- उद्यम पंजीकरण: उद्यम असिस्ट प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण में सुविधा।
- उपलब्धियाँ (2 वर्षों में): 23 लाख शिल्पकर्मियों को निशुल्क कौशल प्रशिक्षण प्राप्त हुआ। ₹4,100 करोड़ के बिना जमानत वाले ऋण वितरित किये गए।