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30 जुलाई, 2024

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 30-Jul-2024

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  करेंट अफेयर्स  

डूबा हुआ संग्रहालय

चर्चा में क्यों?

हुमायूँ के मकबरे के परिसर में भारत के पहले डूबे हुए संग्रहालय का उद्घाटन केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने किया। इसमें 500 से ज़्यादा ऐसी कलाकृतियाँ प्रदर्शित की गई हैं जो पहले कभी नहीं देखी गई थीं। संग्रहालय का लेआउट मध्ययुगीन 'बावली' या पारंपरिक जल की टंकियों से प्रेरित है जो मुगल सम्राट हुमायूँ की विरासत और पिछली सात शताब्दियों में निज़ामुद्दीन क्षेत्र की विरासत को प्रदर्शित करती हैं।

हुमायूँ मकबरे के बारे में:

  • स्थान: नई दिल्ली
  • निर्माण: वर्ष 1570
  • यह भारतीय उपमहाद्वीप का पहला उद्यान-मकबरा था
  • इसे हुमायूँ के बेटे, महान सम्राट अकबर के संरक्षण में बनाया गया था
  • इसे 'मुगलों का शयनगृह' भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ 150 से अधिक मुगल परिवार के सदस्यों को दफनाया गया है।
  • यह चारबाग (कुरान के स्वर्ग की चार नदियों के साथ एक चार-चतुर्थांश उद्यान) का एक उदाहरण है, जिसमें तालाब नहरों से जुड़े हुए हैं
  • संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने वर्ष 1993 में इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी
  • इसने अनेक प्रमुख वास्तुशिल्प नवाचारों को प्रेरित किया, जिसकी परिणति ताजमहल के निर्माण में हुई।

नसीरुद्दीन मोहम्मद हुमायूँ के बारे में

  • वह बाबर का सबसे बड़ा पुत्र था और उसके नाम का अर्थ है भाग्य।
  • उसका शासन प्रशासनिक और वित्तीय अस्थिरता से चिह्नित था।
  • प्रमुख लड़ाइयाँ
    • चुनार की घेराबंदी (वर्ष 1532): उन्होंने अफगानों के खिलाफ जीत हासिल की और चुनार किले की घेराबंदी की
    • चौसा की लड़ाई (वर्ष 1539): उन्हें शेर शाह सूरी से हार का सामना करना पड़ा, वे युद्ध के मैदान से बाल-बाल बच गए
    • कन्नौज की लड़ाई (वर्ष 1540), जिसे बिलग्राम की लड़ाई के रूप में भी जाना जाता है, शेर शाह सूरी की पूर्ण जीत ने हुमायूँ को निर्वासन में जाने के लिये मजबूर कर दिया।
  • पंद्रह वर्षों के निर्वासन के बाद, उन्होंने फारस के शाह की मदद से वर्ष 1545 में कंधार और काबुल पर अधिकार कर लिया।
  • फारसी प्रभाव: उन्होंने फारसी प्रशासनिक प्रथाओं की शुरुआत की, राजस्व प्रणालियों में सुधार किया और फारसी कला एवं संस्कृति को बढ़ावा दिया।
  • वास्तुकला उपलब्धियाँ: उन्होंने दीनपनाह की स्थापना की, जमाली मस्जिद का निर्माण किया और हुमायूँ के मकबरे के निर्माण की पहल की।
  • सांस्कृतिक प्रभाव: हुमायूँ ने मीर सैय्यद अली और अब्दल समद जैसे फारसी कलाकारों को भारत लाकर मुगल चित्रकला के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई
    • उन्होंने निगारखाना (चित्रकला कार्यशाला) की स्थापना की और हमज़ानामा को चित्रित करने की परियोजना शुरू की, जिसे उनके उत्तराधिकारी अकबर ने जारी रखा।
  • साहित्यिक योगदान: उसकी बहन गुल बदन बेगम ने "हुमायूँ-नामा" लिखा, जिसमें उनके शासनकाल और विरासत का दस्तावेज़ीकरण किया गया।


चार्ल्स डार्विन का मेंढक

चर्चा में क्यों?

अमेरिकी और भारतीय शोधकर्त्ताओं के एक समूह ने पाया है कि अंडमान द्वीप समूह में पाए जाने वाले मिनरवेरिया चार्ल्सडार्विनी मेंढक का प्रजनन पैटर्न विशिष्ट है। शोध के अनुसार, चार्ल्स डार्विन के मेंढक में एक असाधारण प्रजनन प्रवृत्ति होती है जिसमें यह वृक्षों की गुहाओं या जल से भरे जड़ों के बट्रेस की आंतरिक दीवारों पर अंडे देता है। अंडे दिये जाने के बाद, अंडे अंततः नीचे डूब जाते हैं और टैडपोल बन जाते हैं।

चार्ल्स डार्विन के मेंढक के बारे में

  • जैविक नाम: राइनोडर्मा डार्विनी
  • खोज: इसका नाम चार्ल्स डार्विन के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने 1830 के दशक में HMS बीगल पर अपनी यात्रा के दौरान इस प्रजाति की खोज की थी।
  • निवास स्थान: चिली और अर्जेंटीना के समशीतोष्ण वनों में पाया जाता है, धीमी गति से बहने वाली धाराओं के पास रहता है।
  • संरक्षण स्थिति: इन्हें अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा सुभेद्द के रूप में वर्गीकृत किया गया है
  • वे अपने अनोखे प्रजनन व्यवहार के लिये जाने जाते हैं।
    • नर अपने बच्चों के पालन-पोषण के अनोखे तरीके के लिये जाने जाते हैं, जिसे माउथ ब्रूडिंग के नाम से जाना जाता है
    • नर निषेचित अंडों को अपनी वाक् थैली में तब तक रखता है जब तक कि वे टैडपोल में नहीं बदल जाते और फिर छोटे मेंढकों के रूप में बाहर निकल आते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) के बारे में

  • इसकी स्थापना अक्तूबर वर्ष 1948 में फ्राँस के फॉनटेनब्लियू में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUPN) के रूप में की गई थी
  • संगठन ने वर्ष 1956 में अपना नाम बदलकर अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति और प्राकृतिक संसाधन संरक्षण संघ कर लिया, जिसका संक्षिप्त नाम IUCN (या UICN) रखा गया।
  • मुख्यालय: ग्लैंड, स्विट्ज़रलैंड
  • सदस्यता: इसमें सरकारी और नागरिक समाज दोनों संगठन शामिल हैं। इसमें 1,400 से ज़्यादा सदस्य संगठन शामिल हैं।
  • संरचना: इसमें एक परिषद, अध्यक्ष, महानिदेशक और एक सचिवालय शामिल है जो क्षेत्रीय एवं  वैश्विक स्तर पर काम करता है।
  • प्रकाशन:

    • संकटग्रस्त प्रजातियों की IUCN रेड लिस्ट प्रजातियों के विलुप्त होने के जोखिम का आकलन करती है

    • पारिस्थितिकी तंत्रों की IUCN रेड लिस्ट पारिस्थितिकी तंत्र के गिरावट के जोखिम का आकलन करती है

    • IUCN  वर्ल्ड हेरिटेज आउटलुक समय के साथ विश्व धरोहर स्थलों का आकलन करता है

    • प्रमुख जैवविविधता क्षेत्रों का वैश्विक डेटाबेस जैवविविधता के लिये महत्त्वपूर्ण स्थलों का आकलन करता है

    • संरक्षित ग्रह संरक्षित क्षेत्रों का आकलन करता है

    • ECOLEX पर्यावरण कानून के लिये एक प्रवेश द्वार प्रदान करता है

    • PANORAMA (पैनोरमा)


वन DAE वन सब्सक्रिप्शन

चर्चा में क्यों?

परमाणु ऊर्जा विभाग (Department of Atomic Energy- DAE) ने देश भर के हज़ारों वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और युवा छात्रों को राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रों एवं वैज्ञानिक पत्रिकाओं तक पहुँच प्रदान करने के लिये वन DAE वन सब्सक्रिप्शन (ONE DAE ONE SUBSCRIPTION- ODOS) पहल शुरू की है।

परमाणु ऊर्जा विभाग (Department of Atomic Energy- DAE) के बारे में

  • इसकी स्थापना वर्ष 1954 में डॉ. होमी जहाँगीर भाभा ने की थी।
  • मिशन: विद्युत उत्पादन, स्वास्थ्य, कृषि और उद्योग में परमाणु ऊर्जा के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना।
  • कार्य के प्रमुख क्षेत्र
    • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का विकास और संचालन।
    • परमाणु विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अनुसंधान करना।
    • निदान और उपचार के लिये चिकित्सा में परमाणु प्रौद्योगिकी का उपयोग करना।
    • परमाणु तकनीकों के माध्यम से कृषि पद्धतियों और उत्पादकता में सुधार करना।
    • औद्योगिक अनुप्रयोगों और गुणवत्ता नियंत्रण के लिये परमाणु प्रौद्योगिकी का उपयोग करना।
  • संस्थाएँ और इकाइयाँ
    • भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (Bhabha Atomic Research Centre- BARC)
    • न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL)
    • इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (Indira Gandhi Centre for Atomic Research- IGCAR)
    • परमाणु खनिज अन्वेषण और अनुसंधान निदेशालय (Atomic Minerals Directorate for Exploration and Research- AMD)
    • भारी जल बोर्ड (Heavy Water Board- HWB)
    • विकिरण और आइसोटोप प्रौद्योगिकी बोर्ड (Board of Radiation and Isotope Technology- BRIT)

मानव तस्करी के खिलाफ विश्व दिवस

चर्चा में क्यों?

  • यह मानव तस्करी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये प्रतिवर्ष 30 जुलाई को मनाया जाता है।
  • वर्ष 2024 में इस दिवस का विषय है मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई में किसी भी बच्चे को पीछे न छोड़ें।