21-May-2025
कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
चर्चा में क्यों?
तेलंगाना सरकार ने न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष की अध्यक्षता में गठित जाँच आयोग का कार्यकाल दो महीने के लिये बढ़ा दिया है। यह आयोग कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना के मेदिगड्डा, अन्नाराम और सुंडिला बैराज को हुए नुकसान की जाँच कर रहा है। यह आयोग 1 जुलाई से 31 अगस्त तक कार्य करेगा।
कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना के बारे में
- कालेश्वरम परियोजना तेलंगाना के भूपालपल्ली में गोदावरी नदी पर एक बहुउद्देश्यीय सिंचाई योजना है।
- यह हैदराबाद और सिकंदराबाद सहित तेलंगाना के 31 ज़िलों में से 20 ज़िलों में लगभग 45 लाख एकड़ भूमि को सिंचाई और पीने के लिये पानी उपलब्ध कराती है।
- यह विश्व की सबसे बड़ी बहु-चरणीय लिफ्ट सिंचाई परियोजना है।
- परियोजना का सबसे दूरस्थ बिंदु प्राणहिता और गोदावरी नदियों के संगम पर है।
- प्राणहिता नदी वर्धा, पैनगंगा और वैनगंगा जैसी छोटी सहायक नदियों से बनती है, जो मिलकर भारतीय उपमहाद्वीप में सातवाँ सबसे बड़ा जल निकासी बेसिन बनाती हैं।
- इस परियोजना में सात लिंक और 28 पैकेज हैं, जो 13 ज़िलों में लगभग 500 किमी. तक फैले हुए हैं।
- इसका नहर नेटवर्क 1,800 किमी. तक फैला हुआ है।
- इस परियोजना का लक्ष्य 240 TMC (हज़ार मिलियन क्यूबिक फीट) पानी की आपूर्ति करना है।
- यह पानी सिंचाई, हैदराबाद में नगरपालिका जल आपूर्ति, औद्योगिक उपयोग और आसपास के गाँवों के लिये पेयजल के लिये आवंटित किया जाता है।