03-Jul-2025
सी-फ्लड
विविध
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय मंत्री सी. आर. पाटिल ने बाढ़ पूर्वानुमान के लिये देश के पहले एकीकृत प्लेटफॉर्म सी-फ्लड का उद्घाटन किया।
सी-फ्लड के बारे में
सी-फ्लड एक वेब-आधारित बाढ़ पूर्वानुमान प्लेटफॉर्म है, जिसे सी-डैक (C-DAC), केंद्रीय जल आयोग (CWC) तथा राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग केंद्र (NRSC) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। यह गाँव स्तर पर दो दिन पहले बाढ़ का पूर्वानुमान प्रदान करता है, जिससे आपदा की तैयारी में सुधार होता है और बाढ़-ग्रस्त क्षेत्रों में समय पर निकासी में सहायता मिलती है।
सी-फ्लड की विशेषताएँ
- यह गाँव स्तर तक दो दिन पहले बाढ़ पूर्वानुमान प्रदान करता है।
- बाढ़ मानचित्रों और जल स्तर की भविष्यवाणियों के माध्यम से जानकारी साझा करता है।
- यह राष्ट्रीय और क्षेत्रीय एजेंसियों के डाटा को समेकित करते हुए एक केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करता है।
- आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को उचित निर्णय लेने में सहायता प्रदान करना।
- बाढ़ की स्थितियों का अनुकरण करने के लिये 2-D हाइड्रोडायनामिक मॉडलिंग का उपयोग किया जाता है।
- महानदी बेसिन से संबंधित अनुकरण सी-डैक पुणे के हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग (HPC) सिस्टम पर संचालित होते हैं।
- यह प्लेटफॉर्म राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा विकसित किया गया है।
वर्तमान स्थिति
- वर्तमान में इसमें महानदी, गोदावरी और तापी नदी घाटियाँ शामिल हैं।
- आगामी चरणों में और अधिक नदी प्रणालियाँ जोड़ी जाएंगी।
राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM)
|