07-Jul-2025

दलाई लामा

इतिहास

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में बौद्ध आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा की 90वीं जयंती मनाई गई। 

दलाई लामा 

Dalai Lama

धार्मिक पहचान 

  • दलाई लामा तिब्बती बौद्ध धर्म की गेलुग्पा परंपरा से संबंधित हैं। 
  • यह तिब्बत का सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली संप्रदाय है। 
  • दलाई लामाओं को अवलोकितेश्वर (चेनरेज़िग) का अवतार माना जाता है। 
  • अवलोकितेश्वर करुणा के बोधिसत्व और तिब्बत के संरक्षक संत हैं। 
  • बोधिसत्व वे प्रबुद्ध प्राणी हैं, जो दूसरों को बुद्धत्व प्राप्त करने में सहायता करने के लिये पुनर्जन्म लेते हैं। 

ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

  • इतिहास में अब तक 14 दलाई लामा हो चुके हैं।
  • प्रथम और द्वितीय दलाई लामा को यह उपाधि मरणोपरांत प्रदान की गई थी।
  • वर्तमान दलाई लामा 14वें हैं, जिनका नाम तेनज़िन ग्यात्सो है।

वर्ष 1959 का तिब्बती विद्रोह और निर्वासन

  • मार्च 1959 में तिब्बतियों ने चीनी नियंत्रण के बढ़ते प्रभाव के विरुद्ध विद्रोह कर दिया।
    • इस विद्रोह को चीनी सेनाओं द्वारा बेरहमी से कुचल दिया गया।
  • दलाई लामा हज़ारों अनुयायियों के साथ भारत आ गए।
    • प्रधानमंत्री नेहरू ने उनका स्वागत किया।
  • उन्होंने धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश) में तिब्बती निर्वासित सरकार की स्थापना की।

अगले दलाई लामा को चुनने की प्रक्रिया 

  • बौद्ध धर्म में पुनर्जन्म में विश्वास के अनुसार, दलाई लामा की मृत्यु के पश्चात् उनका पुनर्जन्म होता है।
    • इस पुनर्जन्म की खोज का नेतृत्व गेलुग्पा परंपरा के उच्च लामा करते हैं।। 

प्रमुख चरण

  • पुनर्जन्म के रूप में संभावित बच्चों की पहचान करना।
  • यदि एक से अधिक उपयुक्त बच्चे मिलें तो चिट्ठी निकालने की प्रक्रिया अपनाना।
  • चयनित बच्चे को ल्हासा या धर्मशाला लाकर बौद्ध ग्रंथों की शिक्षा दी जाती है।
  • यह प्रक्रिया वर्षों तक चल सकती है; 14वें दलाई लामा की पहचान में चार वर्ष लगे थे।

 MCQ के माध्यम से तैयारी 

प्रश्न: तिब्बती बौद्ध धर्म में दलाई लामाओं को किस बोधिसत्व का अवतार माना जाता है? 

(1) मंजुश्री
(2) अवलोकितेश्वर
(3) मैत्रेय
(4) वज्रपाणि 

उत्तर: (2) अवलोकितेश्वर