07-Jul-2025
संक्षिप्त घटनाक्रम
संक्षिप्त समाचार
अल्लूरी सीताराम राजू
- रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत के प्रथम जनजातीय राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू का चुनाव अल्लूरी सीताराम राजू के आदर्शों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिनकी 128वीं जयंती आंध्र प्रदेश के पूर्वी घाट में ब्रिटिश शासन के खिलाफ उनके नेतृत्व के सम्मान में मनाई गई।
- अल्लूरी सीताराम राजू एक भारतीय क्रांतिकारी थे, जिनका जन्म 4 जुलाई, 1897 को भीमावरम, आंध्र प्रदेश में हुआ था, जिन्होंने वर्ष 1882 के मद्रास वन अधिनियम, जिसने आदिवासी अधिकारों को प्रतिबंधित किया था, के जवाब में अंग्रेज़ो के खिलाफ रंपा विद्रोह (1922-24) का नेतृत्व किया था।
- उन्होंने आदिवासियों, किसानों और स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से गुरिल्ला युद्ध का आयोजन किया एवं पूर्वी गोदावरी तथा विशाखापत्तनम के वन क्षेत्रों में अपनी बहादुरी के लिये “मण्यम वीरुडु” (जंगल का नायक) की उपाधि अर्जित की।
- दो साल के उग्र प्रतिरोध के बाद, उन्हें 7 मई, 1924 को अंग्रेज़ो ने बंदी बना लिया और मार डाला, उनकी रणनीति इतनी प्रभावी थी कि अंग्रेज़ो ने कथित तौर पर उनके विद्रोह को दबाने के लिये 40 लाख रुपए से अधिक खर्च किये।
भारतीय डाक- देश का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक्स नेटवर्क
- केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में इस बात पर ज़ोर दिया कि भारतीय डाक एक पारंपरिक डाक सेवा से देश के सबसे बड़े लॉजिस्टिक्स नेटवर्क में परिवर्तित हो गया है, जो देश भर में 1.64 लाख से अधिक सेवा केंद्रों के माध्यम से परिचालन कर रहा है।
- भारतीय डाक का संचालन डाक विभाग (DoP) द्वारा किया जाता है, जो भारत सरकार के संचार मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
- यह 150 वर्षों से अधिक समय से भारत की संचार प्रणाली का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा रहा है, जो मेल वितरण, लघु बचत योजनाएँ, जीवन बीमा (PLI व RPLI) और बिल संग्रह तथा फॉर्म बिक्री जैसी खुदरा सेवाएँ प्रदान करता है।
- भारतीय डाक विश्व का सबसे व्यापक रूप से वितरित डाक नेटवर्क है और यह MGNREGS मज़दूरी संवितरण तथा वृद्धावस्था पेंशन भुगतान जैसी योजनाओं के लिये सरकारी एजेंट के रूप में भी काम करता है, जिससे देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में सहायता मिलती है।
तालिबान सरकार को मान्यता देने वाला रूस पहला देश
- रूस आधिकारिक तौर पर अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता देने वाला पहला देश बन गया है, जो अमेरिकी सेना की वापसी के बाद अगस्त 2021 में काबुल पर नियंत्रण करने वाले शासन के साथ राजनयिक जुड़ाव में एक महत्त्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है।
- यह कदम वैश्विक प्रवृत्ति से अलग है, जहाँ अधिकांश देशों ने मानवाधिकारों, महिलाओं की स्वतंत्रता और आतंकवाद से संबंधों पर चिंताओं के कारण तालिबान शासन को औपचारिक मान्यता नहीं दी है।
- रूस की मान्यता से अफगानिस्तान के साथ अधिक कूटनीतिक और आर्थिक जुड़ाव का मार्ग प्रशस्त हो सकता है, विशेष रूप से क्षेत्रीय सुरक्षा तथा व्यापार के संदर्भ में।
- यह अन्य पड़ोसी देशों के रुख को भी प्रभावित कर सकता है तथा दक्षिण और मध्य एशिया में भू-राजनीतिक गतिशीलता को नया आकार दे सकता है।
AERB ने काकरापार में स्वदेशी रिएक्टरों को लाइसेंस दिया
- परमाणु ऊर्जा विनियामक बोर्ड (AERB) ने NPCIL को गुजरात के काकरापार परमाणु विद्युत स्टेशन (KAPS) में दो स्वदेशी रूप से विकसित 700 मेगावाट क्षमता के दबावयुक्त भारी जल रिएक्टरों (PHWR) को संचालित करने का लाइसेंस प्रदान किया है।
- दबावयुक्त भारी जल रिएक्टर (PHWR) शीतलक तथा मंदक दोनों के रूप में भारी जल का उपयोग करता है तथा ईंधन के रूप में प्राकृतिक यूरेनियम का उपयोग करता है, जिससे परमाणु ऊर्जा उत्पादन में दक्षता प्राप्त होती है।
- AERB, जो परमाणु ऊर्जा विभाग के अधीन भारत का परमाणु सुरक्षा नियामक है, परमाणु परियोजनाओं के सभी चरणों में लाइसेंस प्रदान करने तथा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये उत्तरदायी है।
पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) रिपोर्ट
- प्रस्तावित विकास की पर्यावरणीय व्यवहार्यता का मूल्यांकन करने के लिये 72,000 करोड़ रुपए की ग्रेट निकोबार इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना (GNIP) के लिये पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (EIA) रिपोर्ट तैयार की गई।
- यह रिपोर्ट अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह एकीकृत विकास निगम (ANIIDCO) द्वारा तैयार की गई थी तथा इसका निर्माण निजी परामर्शदाता विमता लैब्स द्वारा किया गया था।
- क्षेत्र की भूकंपीय संवेदनशीलता के बारे में विशेषज्ञों की चिंताओं के बावजूद, इसमें भविष्य में बड़े भूकंप और सुनामी के खतरे को कम करके आँका गया है।
- ग्रेट निकोबार इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट (GNIP) में ग्रेट निकोबार क्षेत्र में एक अंतर्राष्टीय ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह, हवाई अड्डा, टाउनशिप, गैस और सौर-आधारित बिजली संयंत्रों का विकास शामिल है।
- ANIIDCO, एक सरकारी उपक्रम है, जो GNIP सहित अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिये नोडल एजेंसी है।
राशन वितरण के लिये फेस आईडी का उपयोग करने वाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य
- हिमाचल प्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत आधार-आधारित चेहरा प्रमाणीकरण (Face Auth) लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है।
- यह प्रणाली उचित मूल्य की दुकानों पर लाभार्थियों के चेहरे को स्कैन करने के लिये मोबाइल ऐप का उपयोग करती है, जिससे फिंगरप्रिंट तथा OTP जैसी पुरानी विधियों की आवश्यकता समाप्त हो जाती है, जो प्रायः दूरदराज़ क्षेत्रों में विफल हो जाती थीं।
- डिजिटल प्रौद्योगिकी और प्रशासन विभाग (DDTG) द्वारा विकसित इस Face Auth प्रणाली का उद्देश्य सब्सिडी वाले खाद्यान्नों तक तीव्र, विश्वसनीय तथा समावेशी पहुँच सुनिश्चित करना है।
MCQ के माध्यम से तैयारीप्रश्न. अल्लूरी सीताराम राजू को भारतीय इतिहास में क्यों याद किया जाता है? (1) उन्होंने तटीय आंध्र प्रदेश में नमक सत्याग्रह का नेतृत्व किया। उत्तर: (3) उन्होंने वन प्रतिबंधों के जवाब में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ रंपा विद्रोह (1922-24) का नेतृत्व किया। |