07-Jul-2025
निपाह वायरस
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
चर्चा में क्यों?
केरल के पलक्कड़ और मलप्पुरम ज़िलों में निपाह वायरस के नए मामले सामने आने के बाद चिकित्सा निगरानी बढ़ा दी गई है। 383 लोगों को निगरानी में रखा गया है तथा संभावित मामलों की वृद्धि से निपटने के लिये आईसीयू एवं आइसोलेशन सुविधाएँ स्थापित की गई हैं।
निपाह वायरस (NiV)
- प्रकृति
- निपाह एक ज़ूनोटिक RNA वायरस है, जो पैरामिक्सोविरिडे परिवार और हेनिपा वायरस वंश से संबंधित है।
- यह हेंड्रा वायरस से निकट संबंध रखता है।
- संक्रमण का स्रोत:
- मुख्य वाहक: फल खाने वाले चमगादड़ (Genus: Pteropus)
- यह चमगादड़ के मूत्र, लार, मल और प्रसव द्रव्यों के माध्यम से फैलता है।
- यह संक्रमित पशुओं (सूअर, कुत्ते, बिल्ली, बकरी आदि), दूषित भोजन या मानव-से-मानव संपर्क के माध्यम से भी फैलता है।
- मृत्यु दर: प्रकोप की प्रतिक्रिया के आधार पर मृत्यु दर 40% से 75% तक हो सकती है।
- लक्षण: इससे बुखार, सिरदर्द, उनींदापन, भ्रम, कोमा और गंभीर मामलों में मृत्यु जैसे लक्षणों के साथ इंसेफेलाइटिस होता है।
- निदान: इसकी पुष्टि आरटी-पीसीआर (RT-PCR) द्वारा या एलिसा (ELISA) परीक्षण (एंटीबॉडी की पहचान) के माध्यम से की जाती है।
- रोकथाम
- मनुष्यों या पशुओं के लिये कोई टीका उपलब्ध नहीं है।
- निगरानी, अलगाव और सहायक देखभाल ही रोकथाम का मुख्य आधार है।
- WHO वर्गीकरण: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे उच्च मृत्यु दर और महामारी फैलाने की संभाव्यता के कारण प्राथमिकता वाली बीमारी के रूप में सूचीबद्ध किया है।
MCQ के माध्यम से तैयारीप्रश्न: निपाह वायरस (NiV) किस श्रेणी की बीमारियों से संबंधित है? (1) जीवाणु उत्तर: (4) जूनोटिक |