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सामान्य ज्ञान

वस्तु एवं सेवा कर परिषद

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 09-Sep-2024

  • यह केंद्र और राज्यों का एक संयुक्त मंच है, जिसे संशोधित संविधान के अनुच्छेद 279A (1) के अनुसार राष्ट्रपति द्वारा स्थापित किया गया है
  • वर्ष 2016 में संसद के दोनों सदनों द्वारा 122वें संविधान संशोधन विधेयक पारित होने के बाद यह लागू हुआ।
  • सदस्य:
    • इसमें केंद्र से केंद्रीय वित्त मंत्री (अध्यक्ष) और केंद्रीय राज्य मंत्री (वित्त) शामिल हैं
    • प्रत्येक राज्य वित्त या कराधान के प्रभारी मंत्री या किसी अन्य मंत्री को सदस्य के रूप में नामित कर सकता है।
  • कार्य:
    • अनेक अप्रत्यक्ष करों (जैसे- वैट, उत्पाद शुल्क, सेवा कर) को एक एकीकृत कर में विलय कर दिया गया है।
    • यह विधेयक वस्तुओं और सेवाओं पर इनपुट टैक्स क्रेडिट की अनुमति देकर "कर पर कर" प्रभाव को रोकता है।
    • एकल कर प्रणाली और ऑनलाइन फाइलिंग के माध्यम से व्यवसायों के लिये अनुपालन को सरल बनाता है।
    • राज्यों में कर दरों में एकरूपता सुनिश्चित करना तथा एक साझा राष्ट्रीय बाज़ार को बढ़ावा देना।
    • अधिक क्षेत्रों को कर के दायरे में लाकर कर आधार का विस्तार किया गया है
    • निर्यात को GST से छूट देकर भारतीय वस्तुओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्द्धी बनाया गया है।
    • GSTN (वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क) के माध्यम से लेन-देन की वास्तविक समय पर ट्रैकिंग के साथ पारदर्शिता को प्रोत्साहित करता है।
    • राज्य सीमा चौकियों को समाप्त करके तथा माल की सुचारु आवाजाही सुनिश्चित करके रसद लागत को कम किया जाता है।

वस्तु एवं सेवा कर (GST) के बारे में:

  • इसे 101वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 के माध्यम से ‘एक राष्ट्र एक कर’ के नारे के साथ पेश किया गया था
  • यह देश के सबसे बड़े अप्रत्यक्ष कर सुधारों में से एक है।
  • इसमें उत्पाद शुल्क, मूल्य वर्द्धित कर (Value Added Tax- VAT), सेवा कर, विलासिता कर आदि जैसे अप्रत्यक्ष करों को शामिल कर लिया गया है।
  • यह मूलतः उपभोग कर है और अंतिम उपभोग बिंदु पर लगाया जाता है।
  • GST के अंतर्गत कर संरचना:
    • केंद्रीय GST में उत्पाद शुल्क, सेवा कर आदि शामिल होंगे
    • राज्य GST में वैट, विलासिता कर आदि शामिल होंगे
    • एकीकृत GST (IGST) में अंतर-राज्यीय व्यापार शामिल होगा
    • IGST अपने आप में कोई कर नहीं है, बल्कि यह राज्य और संघ करों के बीच समन्वय स्थापित करने की एक प्रणाली है
    • इसमें सभी वस्तुओं और सेवाओं के लिये 4-स्तरीय कर संरचना है, जो स्लैब के अंतर्गत आती है- 5%, 12%, 18% एवं 28%।