23-Oct-2024
IMF ने भारत के वित्त वर्ष 2025 के विकास अनुमान को 7% पर बरकरार रखा
भारतीय अर्थव्यवस्था
चर्चा में क्यों?
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वैश्विक वृद्धि के लिये अपने पूर्वानुमान को 3.2% पर बनाए रखा है, जबकि भारत के लिये वित्त वर्ष 2025 के लिये 7% और वित्त वर्ष 2026 के लिये 6.5% का पूर्वानुमान लगाया है। भारत की वृद्धि वित्त वर्ष 2024 में 8.2% से धीमी होने की उम्मीद है, क्योंकि मांग में कमी आई है। IMF ने क्षेत्रीय संघर्षों और व्यापार नीतियों सहित बढ़ते नकारात्मक ज़ोखिमों के बारे में चेतावनी दी है। RBI ने वित्त वर्ष 2025 में भारत की वृद्धि दर 7.2% रहने का अनुमान लगाया है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के बारे में
- यह 190 सदस्य देशों का संगठन है।
- अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक सहयोग और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देता है।
- उद्देश्य
- वैश्विक मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देना।
- वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना।
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाना।
- उच्च रोज़गार और सतत् आर्थिक विकास को बढ़ावा देना।
- गरीबी कम करना।
- यह क्या करता है?
- भुगतान संतुलन की समस्याओं का सामना कर रहे सदस्य देशों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
- सदस्य देशों की आर्थिक एवं वित्तीय नीतियों पर निगरानी रखता है।
- सदस्य देशों को तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करता है।
- शासन
- बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (प्रत्येक सदस्य देश में एक)।
- कार्यकारी बोर्ड (बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा निर्वाचित 24 सदस्य)।
- प्रबंध निदेशक (कार्यकारी बोर्ड और IMF स्टाफ का प्रमुख)।
- सदस्यता:
- यह किसी भी देश के लिये खुला है, चाहे वह संयुक्त राष्ट्र का सदस्य हो या नहीं।
- आर्थिक प्रदर्शन के आधार पर कोटा सदस्यता की आवश्यकता है।
- मतदान शक्ति: सदस्य के कोटा योगदान के अनुपात में।
- मुख्यालय: वाशिंगटन, डी.सी.
विशेष आहरण अधिकार (SDR)
- यह IMF की लेखा इकाई है, मुद्रा नहीं।
- प्रमुख मुद्राओं की टोकरी पर आधारित मूल्य।
- IMF और सदस्य देशों के बीच लेनदेन के लिये उपयोग किया जाता है।