14-Jul-2025

CUET UG Counselling 2025: प्रवेश प्रक्रिया की संपूर्ण जानकारी

परीक्षा अपडेट

CUET UG 2025 का परिणाम अब जारी हो चुका है और लाखों विद्यार्थियों को अपने स्कोरकार्ड मिल चुके हैं। अब परीक्षा की प्रतिस्पर्धा एक नए चरण में प्रवेश कर चुकी है — काउंसलिंग और प्रवेश प्रक्रिया में। यही वह समय है जब प्रत्येक विद्यार्थी को अपने भविष्य को सही दिशा देने के लिए सूझबूझ और स्पष्ट योजना के साथ आगे बढ़ना होगा।

यह प्रक्रिया केवल एक तकनीकी औपचारिकता नहीं, बल्कि एक सुव्यवस्थित रणनीति है, जिसमें सही समय पर लिए गए निर्णय आपको देश की शीर्ष यूनिवर्सिटी में दाखिले की ओर ले जाते हैं।

यह लेख CUET UG 2025 की पूरी काउंसलिंग प्रक्रिया को सरल, क्रमबद्ध और विश्वसनीय तरीके से समझाता है — ताकि आप हर चरण में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकें।

1. स्कोरकार्ड डाउनलोड और परिणाम की जाँच

सबसे पहले विद्यार्थी को CUET की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना स्कोरकार्ड डाउनलोड करना होता है। स्कोरकार्ड में दिए गए अंकों, पर्सेंटाइल और विषयवार प्रदर्शन की गहन समीक्षा आवश्यक है, क्योंकि इसी के आधार पर प्रवेश की संभावनाएं तय होंगी।


2. विश्वविद्यालय विशेष काउंसलिंग पोर्टल पर जाएं

CUET की कोई अखिल भारतीय मेरिट सूची नहीं होती, बल्कि हर विश्वविद्यालय अपने स्तर पर मेरिट सूची और काउंसलिंग प्रक्रिया संचालित करता है। इसलिए विद्यार्थी को अपनी पसंद के विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर समय-समय पर सूचना लेते रहना चाहिए।


3. ऑनलाइन पंजीकरण और दस्तावेज़ अपलोड

हर विश्वविद्यालय या पोर्टल पर अलग-अलग तारीखों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू होता है। इस चरण में विद्यार्थी को निम्नलिखित दस्तावेज़ अपलोड करने होते हैं:

  • CUET स्कोरकार्ड
  • 10वीं और 12वीं की मार्कशीट
  • पासपोर्ट साइज फोटो और हस्ताक्षर
  • आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र
  • श्रेणी प्रमाण पत्र (OBC/EWS/SC/ST/PwD), यदि लागू हो
  • TC, Migration, स्पोर्ट्स/ECA प्रमाण पत्र (यदि मांगा जाए)

4. विकल्प भरें (Choice Filling)

रजिस्ट्रेशन के बाद विद्यार्थी को उपलब्ध कॉलेजों और पाठ्यक्रमों की सूची में से अपनी पसंद के अनुसार प्राथमिकताएं भरनी होती हैं। इसे ही चॉइस फिलिंग कहते हैं। भरने के बाद इन्हें ‘लॉक’ करना अनिवार्य होता है, क्योंकि इसके बाद उनमें बदलाव संभव नहीं होता।


5. सीट आवंटन

सीट आवंटन का निर्णय कई कारकों पर आधारित होता है – जैसे CUET स्कोर, आरक्षण नीति, भरे गए विकल्पों की प्राथमिकता और सीट की उपलब्धता। यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से होती है — प्रथम सूची, द्वितीय सूची, और फिर ‘स्पॉट काउंसलिंग’ के जरिए।


6. फीस जमा और सीट स्वीकृति

जिस विद्यार्थी को कोई सीट आवंटित होती है, उसे एक निश्चित समय सीमा में प्रवेश शुल्क ऑनलाइन जमा करना होता है। ऐसा न करने पर उसकी सीट अगले राउंड में किसी अन्य विद्यार्थी को दे दी जाती है।


7. कॉलेज रिपोर्टिंग और दस्तावेज सत्यापन

फीस जमा करने के बाद, विद्यार्थी को संबंधित कॉलेज में मूल दस्तावेजों के साथ रिपोर्ट करना होता है। यहां डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया जाता है। कुछ विश्वविद्यालय मेडिकल फिटनेस या पुलिस वेरिफिकेशन जैसे अतिरिक्त दस्तावेज भी मांग सकते हैं।


विश्वविद्यालय वार उदाहरण

  • दिल्ली विश्वविद्यालय (DU): Common Seat Allocation System (CSAS) पोर्टल के माध्यम से प्रक्रिया चलती है।
  • इलाहाबाद विश्वविद्यालय: Samarth पोर्टल पर दो चरणों में आवेदन – रजिस्ट्रेशन और कोर्स चयन।
  • बीएचयू, जामिया, एएमयू, JNU: सभी के अपने स्वतंत्र पोर्टल होते हैं, जिन पर पंजीकरण आवश्यक होता है।


विद्यार्थियों के लिए सुझाव

  • विश्वविद्यालयों की आधिकारिक वेबसाइट पर नियमित रूप से नज़र रखें।
  • विकल्प भरते समय कॉलेज की रैंकिंग, कोर्स की उपयोगिता, प्लेसमेंट और भविष्य की संभावनाओं का आकलन करें।
  • सभी दस्तावेजों की स्कैन कॉपी पहले से तैयार रखें।
  • गलती या देरी से आवेदन खारिज भी हो सकता है, इसलिए हर प्रक्रिया समय पर पूरी करें।
  • यदि आप स्पोर्ट्स, PWD या ECA कोटे में आते हैं, तो संबंधित प्रमाणपत्र समय रहते सुरक्षित रखें।

निष्कर्ष

CUET UG 2025 की काउंसलिंग प्रक्रिया हर विद्यार्थी के जीवन की दिशा तय करने वाली सबसे निर्णायक कड़ी है। यह सिर्फ तकनीकी प्रक्रिया नहीं, बल्कि धैर्य, योजना और सजगता की परीक्षा है। जो विद्यार्थी सही समय पर, पूरी तैयारी और सावधानी से यह प्रक्रिया पूरी करता है, वही अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होता है।
 यह वह समय है जब विद्यार्थी को केवल अंक नहीं, निर्णय लेने की क्षमता और आगे बढ़ने का साहस भी दिखाना होता है। सही मार्गदर्शन, सूचनाओं की स्पष्टता और दृढ़ इच्छाशक्ति से ही सफलता सुनिश्चित होती है।