15-Jul-2025
क्या CUET सिर्फ CBSE बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए है?
कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया को अधिक सुसंगत, निष्पक्ष और मानकीकृत बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। इस परीक्षा का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देशभर के विद्यार्थियों को समान अवसर मिलें, चाहे उन्होंने किसी भी बोर्ड से पढ़ाई की हो।
किन्तु विगत कुछ वर्षों में यह धारणा तेज़ी से उभरी है कि CUET विशेष रूप से CBSE बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए अधिक अनुकूल है। यह विचार कई राज्य बोर्ड के विद्यार्थियों के मन में असमंजस और आत्म-संदेह उत्पन्न करता है।
इस लेख में हम इस भ्रांति की तथ्यात्मक जांच करेंगे, CUET की वास्तविक प्रकृति को समझेंगे और यह स्पष्ट करेंगे कि यह परीक्षा हर बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए समान अवसर प्रदान करती है। साथ ही, हम यह भी जानेंगे कि राज्य बोर्ड के विद्यार्थी कैसे इस परीक्षा की प्रभावी तैयारी कर सकते हैं।
CUET क्या है और इसका उद्देश्य
CUET, जिसे राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) आयोजित करती है, एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है जो देश के लगभग सभी केंद्रीय, राज्य, डीम्ड और निजी विश्वविद्यालयों में स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अनिवार्य बन चुकी है।
इस परीक्षा की परिकल्पना इसलिए की गई ताकि विभिन्न बोर्डों से आने वाले विद्यार्थियों को एक सामान्य मूल्यांकन मंच प्रदान किया जा सके। इसका उद्देश्य किसी एक बोर्ड को वरीयता देना नहीं, बल्कि शिक्षा में समानता और निष्पक्षता को बढ़ावा देना है।
क्या CUET केवल CBSE के विद्यार्थियों के लिए है?
नहीं, CUET केवल CBSE के लिए नहीं है। यह परीक्षा भारत के सभी मान्यता प्राप्त बोर्डों के विद्यार्थियों के लिए है—जैसे कि:
- राज्य शिक्षा बोर्ड (UP Board, Bihar Board, Maharashtra Board, आदि)
- ICSE/ISC Board
- NIOS (National Institute of Open Schooling)
- अन्य अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त बोर्ड
CUET के लिए पात्रता केवल यह है कि विद्यार्थी ने 12वीं कक्षा पास की हो या appearing हो। बोर्ड का कोई भेद नहीं किया जाता।
CBSE को क्यों माना जाता है ‘फायदेमंद स्थिति’ में?
यह धारणा कुछ कारणों से बनी है:
- CUET का सिलेबस मुख्यतः NCERT पर आधारित है, जो CBSE का आधिकारिक पाठ्यक्रम है।
- CBSE विद्यार्थी NCERT पुस्तकों के साथ पहले से परिचित होते हैं।
- कई राज्य बोर्डों में पाठ्यक्रम NCERT से आंशिक या पूर्णतः भिन्न होता है।
हालांकि ये कारण कुछ हद तक तर्कसंगत लग सकते हैं, लेकिन इसका यह अर्थ कदापि नहीं है कि अन्य बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए यह परीक्षा कठिन है। तैयारी का तरीका सही हो तो हर विद्यार्थी समान रूप से सफल हो सकता है।
अन्य बोर्ड्स के विद्यार्थियों के लिए तैयारी की रणनीति
1. NCERT पर आधारित पढ़ाई अपनाएँ
CUET के अधिकतर सेक्शन NCERT आधारित होते हैं। अतः सभी विषयों की कक्षा 11 और 12 की NCERT पुस्तकें पढ़ना अनिवार्य है।
2. सिलेबस को विस्तार से समझें
CUET का आधिकारिक सिलेबस NTA की वेबसाइट पर उपलब्ध होता है। उसे ध्यानपूर्वक पढ़ें और उसी के अनुसार अपनी तैयारी की रूपरेखा बनाएं।
3. मॉक टेस्ट और पिछली परीक्षाओं के प्रश्नपत्र हल करें
प्रतिदिन मॉक टेस्ट दें और CUET के पिछले वर्षों के प्रश्नों को हल करें। इससे परीक्षा के स्वरूप की समझ विकसित होगी और आत्मविश्वास बढ़ेगा।
4. समय प्रबंधन और रिवीजन पर ज़ोर दें
एक सुव्यवस्थित टाइम-टेबल बनाएं जिसमें हर विषय को उचित समय मिले। अंतिम दिनों में बार-बार रिवीजन करें।
5. डोमेन विषयों पर विशेष ध्यान दें
वह विषय जिसमें आप विश्वविद्यालय में प्रवेश लेना चाहते हैं (जैसे—अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, जीवविज्ञान आदि) उस पर गहन अध्ययन करें, क्योंकि CUET में इसका वज़न अधिक होता है।
सभी बोर्ड्स के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी सुझाव
- आत्मविश्वास बनाए रखें—बोर्ड की बजाय आपकी मेहनत आपकी सफलता तय करती है।
- ऑनलाइन संसाधनों का सही उपयोग करें—CUET से संबंधित Free Study Material, YouTube लेक्चर और PDF अब आसानी से उपलब्ध हैं
- सहयोगी समूह बनाएं—साथ पढ़ने से अनुशासन और प्रतिस्पर्धा दोनों मिलती है।
- किसी कोचिंग की आवश्यकता हो तो जिज्ञासा के साथ चुनें, अंधानुकरण न करें।
निष्कर्ष
CUET एक समावेशी और समान अवसर प्रदान करने वाली परीक्षा है, जो भारत के सभी बोर्ड्स के विद्यार्थियों के लिए खुली है। CBSE विद्यार्थियों को NCERT के कारण कुछ सहजता अवश्य होती है, लेकिन यह कोई बाधा नहीं, जिसे राज्य बोर्ड के विद्यार्थी सटीक रणनीति, समर्पण और नियमित अभ्यास से पार न कर सकें।
इसलिए यदि आप किसी राज्य बोर्ड से हैं, तो घबराएं नहीं। CUET की परीक्षा में सफलता आपके बोर्ड से नहीं, बल्कि आपकी तैयारी, दृष्टिकोण और आत्मविश्वास से निर्धारित होती है।
आपका लक्ष्य विश्वविद्यालय है, न कि बोर्ड—इसलिए एक समान मंच पर अपने ज्ञान, परिश्रम और प्रतिबद्धता के बल पर पूरे देश में अपनी जगह बनाइए।