01-Oct-2024
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
भारतीय अर्थव्यवस्था
सहकारी विशेषताओं को सम्मिश्रित करते हुए कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्रों को ऋण प्रदान करते हैं।
- स्थापना: वर्ष 1975 में एक अध्यादेश और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम 1976 के तहत।
- विनियमित: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा।
- पर्यवेक्षित: राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (National Bank for Agriculture and Rural Development- NABARD)
- ये वित्तीय संस्थाएँ कृषि और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के लिये पर्याप्त ऋण उपलब्ध कराने के लिये बनाई गई हैं।
- वे सहकारी विशेषताओं, स्थानीय ग्रामीण मुद्दों की समझ, वाणिज्यिक बैंकों की व्यावसायिकता और संसाधन जुटाने की क्षमताओं को एक साथ एकीकृत करते हैं।
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के कार्य
- ग्राहकों की बचत की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- ऋण सृजित करना तथा मुद्रा आपूर्ति बढ़ाना।
- वित्तीय प्रणाली में लोगों का विश्वास बढ़ाना।
- सार्वजनिक बचत को संगठित करना।
- समाज के सभी वर्गों तक पहुँचने के लिये अपने नेटवर्क का विस्तार करना।
- सभी ग्राहकों को, चाहे उनकी आय का स्तर कुछ भी हो, वित्तीय सेवाएँ प्रदान करना।
- समाज के प्रत्येक वर्ग तक वित्तीय सेवाएँ पहुँचाकर सामाजिक समानता को बढ़ावा देना।