13-Sep-2024
पश्चिम बंगाल में पाँच नए POCSO न्यायालय स्थापित किये जाएंगे
भारतीय राजनीति
चर्चा में क्यों?
पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में पाँच नए POCSO फास्ट-ट्रैक विशेष न्यायालय स्थापित करने की योजना की घोषणा की है। वर्तमान में पश्चिम बंगाल में 62 POCSO न्यायालय हैं, साथ ही छह e-POCSO न्यायालय भी हैं। इस निर्णय की जानकारी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी। अब पश्चिम बंगाल में 67 POCSO फास्ट-ट्रैक न्यायालय होंगे और साथ ही 6 e-POCSO न्यायालय भी होंगे।
POCSO अधिनियम: यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण अधिनियम
- 14 नवंबर, 2012 को प्रभावी हुआ, जिसे वर्ष 1992 में भारत द्वारा बाल अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय के अनुसमर्थन के परिणामस्वरूप अधिनियमित किया गया था।
- उद्देश्य: बच्चों के यौन शोषण और यौन दुर्व्यवहार के अपराधों को संबोधित करना, जिन्हें या तो स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया गया है या अपर्याप्त रूप से दंडित किया गया है।
- इसमें 18 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को बालक माना गया है तथा यौन उत्पीड़न, उत्पीड़न और पोर्नोग्राफी सहित विभिन्न अपराधों के लिये प्रावधान निर्धारित किये गए हैं।
- वर्ष 2019 में और संशोधन किया गया: बच्चों के साथ यौन अपराध करने पर मृत्युदंड सहित अधिक कठोर सज़ा का प्रावधान करना।
- संरचना : 1 न्यायिक सदस्य + 7 स्टाफ सदस्य
- विधि एवं न्याय मंत्रालय के अंतर्गत न्याय विभाग, विशेष POCSO न्यायालयों सहित फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों की स्थापना के लिये एक केंद्र प्रायोजित योजना का क्रियान्वयन कर रहा है।
- यह लिंग-तटस्थ प्रकृति का है, अर्थात् लड़के और लड़कियाँ दोनों यौन शोषण के शिकार हो सकते हैं।
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