23-May-2025

विश्व कछुआ दिवस

विविध

चर्चा में क्यों? 

कछुओं और कछुओं के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये हर साल 23 मई को विश्व कछुआ दिवस मनाया जाता है। 

वर्ष 2025 की थीम: डांसिंग टर्टल रॉक 

विश्व कछुआ दिवस के बारे में 

  • कछुओं और कछुओं के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये वर्ष 2000 से प्रतिवर्ष विश्व कछुआ दिवस मनाया जाता है। 
  • यह कार्यक्रम अमेरिकन टॉर्टोइज रेस्क्यू (ATR) द्वारा आयोजित किया गया है, जो कछुआ और कछुआ संरक्षण पर केंद्रित एक गैर-लाभकारी संगठन है। 
  • इसका उद्देश्य अवैध तस्करी, विदेशी खाद्य व्यापार, आवास विनाश, ग्लोबल वार्मिंग और पालतू पशु व्यापार जैसे खतरों को उजागर करना है। 
  • भारत में, यह दिवस राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) द्वारा भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) के सहयोग से मनाया गया। 
  • इसका उद्देश्य कछुआ प्रजातियों के संरक्षण को बढ़ावा देना तथा उनके प्राकृतिक आवासों को संरक्षित करना है। 

कछुए 

  • कछुए सरीसृप वर्ग टेस्टुडीन्स से संबंधित हैं और अपनी पसलियों से विकसित हड्डीदार या उपास्थियुक्त कवच के लिये जाने जाते हैं, जो सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करते हैं। 
  • वे मीठे पानी और खारे पानी दोनों में रह सकते हैं। 
  • कछुआ (Tortoises), कछुओं की एक ऐसी प्रजाति हैं जो केवल भूमि पर रहती हैं, जबकि अन्य कछुए आंशिक रूप से जलीय होते हैं।
  • कछुए शीत-रक्तीय (cold-blooded) प्राणी होते हैं अर्थात् वे अपने शरीर का तापमान नियंत्रित करने के लिये बाह्य तापमान पर निर्भर करते हैं।
  • सरीसृप, मछली और उभयचर जैसी शीत-रक्त वाली प्रजातियाँ गर्म और ठंडे वातावरण के बीच घूमकर अपने शरीर के तापमान को समायोजित करती हैं। 
  • उनका चयापचय धीमा होता है और वे भोजन या पानी के बिना लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं। 
  • IUCN के अनुसार, कछुए और कछुवों की कई प्रजातियाँ अति संवेदनशील (vulnerable), संकटग्रस्त (endangered) या गंभीर रूप से संकटग्रस्त (critically endangered) श्रेणी में वर्गीकृत हैं।