11-Jun-2025

भारत में प्रसारण और उपग्रह संचार का विकास

भूगोल

भारत में रेडियो प्रसारण   

  • शुरुआत: भारत में रेडियो प्रसारण की शुरुआत वर्ष 1923 में बॉम्बे रेडियो क्लब द्वारा की गई।   
  • लोकप्रियता: यह माध्यम शीघ्र ही बहुत लोकप्रिय हो गया और प्रत्येक घर का हिस्सा बनते हुए भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्य को परिवर्तित करने लगा।   
  • सरकारी नियंत्रण: वर्ष 1930 में इसे सरकारी नियंत्रण में लाकर इंडियन ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम की स्थापना की गई। बाद में इसे वर्ष 1936 में ऑल इंडिया रेडियो (AIR) और वर्ष 1957 में आकाशवाणी नाम दिया गया। 
  • प्रोग्रामिंग: आकाशवाणी समाचार, सूचना, शैक्षिक सामग्री और मनोरंजन सहित विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम प्रसारित करता है। संसद और राज्य विधानमंडल सत्र जैसे कार्यक्रमों के दौरान विशेष समाचार बुलेटिन प्रसारित किये जाते हैं।    

भारत में टेलीविज़न प्रसारण   

  • परिचय: भारत में टेलीविज़न प्रसारण वर्ष 1959 में शुरू हुआ, जो शुरू में राष्ट्रीय राजधानी तक सीमित था।   
  • विस्तार: वर्ष 1972 तक कई अन्य केंद्र चालू हो गए। वर्ष 1976 में टेलीविज़न को ऑल इंडिया रेडियो से अलग कर दिया गया और दूरदर्शन (DD) के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई।   
  • इन्सैट-IA: वर्ष 1983 में इन्सैट-IA उपग्रह के प्रक्षेपण के साथ ही दूरदर्शन ने साझा राष्ट्रीय कार्यक्रम (CNP) शुरू किया तथा सुदूर और ग्रामीण क्षेत्रों तक अपनी सेवाओं का विस्तार किया, जिससे पहुँच एवं सुगमता में उल्लेखनीय सुधार हुआ।   

भारत में उपग्रह संचार   

  • उपग्रहों की भूमिका: उपग्रह संचार के माध्यम और अन्य संचार प्रणालियों के नियामक के रूप में कार्य करते हैं तथा बड़े क्षेत्रों का नियमित और संक्षिप्त दृश्य प्रस्तुत करते हैं।   
  • महत्त्व: मौसम पूर्वानुमान, प्राकृतिक आपदा निगरानी और सीमा निगरानी जैसी आर्थिक तथा सामरिक गतिविधियों में अपनी भूमिका के कारण उपग्रह संचार भारत में महत्त्वपूर्ण हो गया है।

उपग्रह प्रणालियाँ   

  • इन्सैट (भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली): वर्ष 1983 में स्थापित, इन्सैट दूरसंचार, मौसम संबंधी अवलोकन और डेटा संचरण के लिये एक बहुउद्देश्यीय उपग्रह प्रणाली है।   
  • IRS (भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रह प्रणाली): IRS-IA उपग्रह के साथ वर्ष 1988 में प्रक्षेपित, यह प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और विभिन्न डेटा संग्रह गतिविधियों में मदद करता है।   
  • प्रक्षेपण यान: भारत ने उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिये अपना स्वयं का ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) विकसित किया।   
  • डेटा संग्रहण: IRS प्रणाली में उपग्रह कई स्पेक्ट्रल बैंडों में डेटा एकत्र करते हैं और प्रसंस्करण एवं उपयोग के लिये इसे ग्राउंड स्टेशनों पर भेजते हैं, विशेष रूप से संसाधन प्रबंधन के लिये हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (NRSC) द्वारा।