12-Jun-2025

CUET बनाम 12वीं के अंक: 2025 में कॉलेज में दाखिले की असली कुंजी क्या है?

रणनीति

हर विद्यार्थी के जीवन में 12वीं की परीक्षा और कॉलेज में दाखिला एक बहुत ही अहम पड़ाव होता है। यह वह समय होता है जब करियर की दिशा तय होती है और भविष्य को लेकर कई उम्मीदें बनती हैं।

लेकिन 2025 में इस प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव आया है — अब सिर्फ 12वीं के अंक ही नहीं, बल्कि CUET (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट) भी कॉलेज में दाखिले का एक ज़रूरी हिस्सा बन चुका है।

अब सवाल उठता है कि क्या 12वीं के नंबर अब मायने नहीं रखते? या फिर CUET ही सब कुछ बन गया है?

इस लेख में हम इन सवालों के साफ, सरल और समझने योग्य जवाब देने की कोशिश करेंगे।

CUET क्या है और इसकी ज़रूरत क्यों महसूस हुई?

CUET एक ऐसी परीक्षा है जो पूरे देश के विद्यार्थियों के लिए एक समान प्रवेश प्रक्रिया देने के लिए बनाई गई है। इस परीक्षा को UGC के अंतर्गत NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) आयोजित करती है।

पहले ऐसा देखा जाता था कि कुछ बोर्ड्स में अंक आसानी से मिल जाते थे, जबकि कुछ बोर्ड्स में नंबर बहुत कम आते थे। इससे कई बार योग्य विद्यार्थियों को नुकसान होता था। इसी असमानता को दूर करने के लिए CUET को लाया गया।

CUET का मकसद यह है कि सभी विद्यार्थियों को बराबरी का मौका मिले और दाखिला इस बात पर हो कि उन्हें वास्तव में कितना ज्ञान है, न कि सिर्फ किस बोर्ड से कितने अंक मिले हैं।

CUET और 12वीं के अंक — दोनों में क्या फर्क है?

2025 में कॉलेज में दाखिले की प्रक्रिया को मोटे तौर पर दो हिस्सों में बाँटा जा सकता है:

1. CUET स्कोर के आधार पर दाखिला

देश के ज़्यादातर केंद्रीय विश्वविद्यालय जैसे कि दिल्ली विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया और हैदराबाद विश्वविद्यालय अब दाखिले के लिए मुख्य रूप से CUET के अंकों को देखते हैं।

12वीं के अंकों की वहाँ बस यह जांचने के लिए ज़रूरत होती है कि विद्यार्थी ने न्यूनतम तय योग्यता (जैसे 50% या 60%) हासिल की है या नहीं।

2. 12वीं के अंकों के आधार पर दाखिला

कुछ राज्य विश्वविद्यालय, निजी कॉलेज या कुछ विशेष पाठ्यक्रम जैसे कि फाइन आर्ट्स, स्पोर्ट्स आदि में आज भी 12वीं के अंकों को महत्त्व दिया जाता है।

साथ ही, स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करते समय, या किसी इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट होने में भी 12वीं के अच्छे अंक उपयोगी होते हैं।

CUET के आने से विद्यार्थियों की तैयारी में क्या बदलाव आया?

CUET के आने से विद्यार्थियों की तैयारी का तरीका बदल गया है। पहले जहाँ सिर्फ स्कूल की किताबें और लंबे उत्तर लिखना ज़रूरी माना जाता था, अब विद्यार्थियों को अलग तरह की तैयारी करनी पड़ती है।

CUET में प्रश्न बहुविकल्पीय (MCQ) होते हैं, जिनमें तेज़ी और सटीकता की ज़रूरत होती है। इसलिए अब विद्यार्थी:

  • संक्षिप्त और सही उत्तर देने की आदत डाल रहे हैं
  • मॉक टेस्ट और पुराने प्रश्नपत्र हल कर रहे हैं
  • समय प्रबंधन पर ध्यान दे रहे हैं
  • विषयों की गहराई से समझ बढ़ा रहे हैं

यह बदलाव सकारात्मक है क्योंकि यह केवल किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि सोचने की क्षमता और रणनीति को भी परखता है।

क्या अब सिर्फ CUET ही काफी है?

नहीं, ऐसा सोचना पूरी तरह सही नहीं होगा।

12वीं के अंक अब भी आपकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि का हिस्सा हैं। अगर आप भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं, तो 12वीं में अच्छे अंक आपके आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं और आपकी प्रोफ़ाइल को भी मजबूत बनाते हैं।

इसके अलावा, यदि आप विदेश में पढ़ाई करने की योजना बना रहे हैं, तो वहां कई बार 12वीं के अंकों को ज्यादा महत्त्व दिया जाता है।

इसलिए 12वीं की पढ़ाई को हल्के में लेना समझदारी नहीं होगी।

तैयारी कैसे करें — दोनों को संतुलन में रखें

एक समझदार विद्यार्थी वही होता है जो 12वीं और CUET दोनों की तैयारी को साथ लेकर चलता है। दोनों परीक्षाओं का स्वरूप अलग है, लेकिन मकसद एक ही है — आपकी योग्यता को जांचना।

कुछ आसान सुझाव:

  • 12वीं की किताबों को ध्यान से पढ़ें, खासकर NCERT को
  • CUET के लिए हर हफ्ते कुछ समय अलग निकालें
  • मॉक टेस्ट दें और पुराने प्रश्नपत्रों को हल करें
  • दोनों परीक्षाओं के अनुसार अलग-अलग अभ्यास करें
  • समय का सही उपयोग करें और मानसिक संतुलन बनाए रखें

अगर CUET में कम स्कोर आए तो क्या करें?

अगर किसी कारणवश CUET में अंक कम आ जाएँ, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है। कुछ अन्य रास्ते भी होते हैं:

  • राज्य विश्वविद्यालयों या निजी कॉलेजों में आवेदन करें
  • स्कॉलरशिप या विशेष कोर्स के ज़रिए प्रवेश पाने की कोशिश करें
  • चाहें तो एक साल का समय लेकर दोबारा CUET की तैयारी करें
  • ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से कोई नया कौशल सीखें, जिससे आगे के रास्ते खुल सकें

निष्कर्ष

2025 में कॉलेज में दाखिला अब सिर्फ 12वीं के अंकों या सिर्फ CUET स्कोर पर निर्भर नहीं है, बल्कि दोनों को साथ लेकर चलने की ज़रूरत है।

CUET ने जहाँ एक ओर बराबरी का रास्ता खोला है, वहीं 12वीं की परीक्षा आज भी आपकी शैक्षणिक नींव है।

इसलिए सबसे ज़रूरी बात यही है कि विद्यार्थी दोनों की तैयारी को संतुलित रखे। यही संतुलन आगे चलकर आपके करियर और जीवन को दिशा देगा।

दाखिले की दौड़ में नहीं, बल्कि समझदारी और तैयारी की राह पर चलने में ही असली सफलता है।