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25 मई, 2023

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 25-May-2023

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राष्ट्रमंडल दिवस, 2023

  •  प्रत्येक वर्ष  13 मार्च को राष्ट्रमंडल दिवस मनाया जाता है, इसका विशेष महत्त्व है क्योंकि यह एक सामंजस्यपूर्ण और परस्पर वैश्विक समुदाय की स्थापना के लिये राष्ट्रमंडल के सामूहिक प्रयास पर ज़ोर देता है।
  • राष्ट्रमंडल दिवस, 2023 की थीम "फोर्जिंग ए सस्टेनेबल एंड पीसफुल कॉमन फ्यूचर"है।
  • वर्ष 2023 में, राष्ट्रमंडल दिवस शांति और एकीकरण की दिशा में काम करते हुए एकजुटता और साझा मानवता की भावना को बढ़ावा देने के लिये सदस्य देशों की प्रतिबद्धता को उजागर करेगा।
  • यह दिन राष्ट्रमंडल राष्ट्रों के बीच एकता, सहयोग और बंधुत्व के एक शक्तिशाली अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है, जो समानता, शांति और लोकतंत्र के प्रति उनके अटूट समर्पण का प्रतीक है।

वर्ष 2023 के अंत तक असम से AFSPA को हटाने  का लक्ष्य

  • असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस वर्ष के अंत तक राज्य से विवादास्पद सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) को पूरी तरह से वापस लेने की घोषणा की।
  • वर्तमान में, असम के आठ ज़िले वर्ष 1958 के AFSPA अधिनियम द्वारा शासित हैं, जो सुरक्षा बलों को कार्रवाई करने और बिना वारंट के गिरफ्तारी करने का अधिकार देता है।
  • यह अधिनियम सुरक्षा कर्मियों को उनके कार्यों के परिणामस्वरूप मृत्यु के मामले में गिरफ्तारी और अभियोजन से कानूनी सुरक्षा भी प्रदान करता है।

सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA)

  • सशस्त्र बल (विशेष शक्तियाँ) अधिनियम (AFSPA) सशस्त्र बलों को विशेष शक्तियाँ प्रदान करता है, जिसे केंद्र सरकार या राज्य के राज्यपाल द्वारा तब लागू किया जा सकता है, जब किसी राज्य या उसके विशिष्ट क्षेत्रों को धारा 3 के तहत "अशांत" घोषित किया जाता है।
  • AFSPA सशस्त्र बलों और "अशांत क्षेत्रों" में तैनात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को मारने तथा बिना वारंट के किसी भी परिसर की तलाशी लेने एवं अभियोजन तथा कानूनी मुकदमों से सुरक्षा के साथ निरंकुश अधिकार देता है।
  • AFSPA ऐतिहासिक रूप से आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्रों में लागू किया गया है। AFSPA, जिसकी अधिकतर  कठोर आलोचना की जाती है, सशस्त्र बलों को व्यापक अधिकार प्रदान करता है।
  • इन शक्तियों के अंतर्गत कानून का उल्लंघन करने वाले या हथियार और गोला-बारूद ले जाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ घातक बल का उपयोग करने का अधिकार शामिल है, जिसके परिणामस्वरूप मौत हो जाती है।
  • इसके अलावा, अधिनियम सशस्त्र बलों को "उचित संदेह" के आधार पर वारंट के बिना गिरफ्तारी करने और वारंट के बिना परिसर की तलाशी लेने का अधिकार देता है।

सौरव गांगुली को त्रिपुरा पर्यटन के ब्रांड एंबेसडर के रूप में नामित किया गया

  • त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने सूचित किया कि प्रसिद्ध क्रिकेट आइकन सौरव गांगुली को त्रिपुरा पर्यटन के लिये ब्रांड एंबेसडर के रूप में चुना गया है।
  • मुख्यमंत्री के अनुसार, प्रचार अभियानों में गांगुली की भागीदारी से राज्य में पर्यटन उद्योग को काफी बढ़ावा मिलेगा।

भारत द्वारा बांग्लादेश को 20 ब्रॉड गेज लोकोमोटिव का आवंटन  

  • नई दिल्ली में रेल भवन में आयोजित एक वर्चुअल समारोह में, भारतीय रेलवे ने 20 ब्रॉड गेज (BG) लोकोमोटिव इंजनों को बांग्लादेश में आधिकारिक रूप से स्थानांतरित करके द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया।
  • इस कार्यक्रम में भारत के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और बांग्लादेश के रेल मंत्री नुरुल इस्लाम सुजान ने भाग लिया।
  • ये लोकोमोटिव, अक्तूबर 2019 में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत यात्रा के दौरान भारत सरकार द्वारा की गई एक महत्त्वपूर्ण प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए अनुदान सहायता के रूप में प्रदान किये गए थे।
  • बांग्लादेश रेलवे की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये  भारतीय रेलवे ने लोकोमोटिव को उचित रूप से संशोधित किया है।
  • यह आवंटन बांग्लादेश में यात्री और मालगाड़ियों के संचालन की बढ़ती मात्रा के प्रबंधन में अहम योगदान देगा।

ब्रॉड गेज

  • ब्रॉड गेज, जिसे वाइड गेज या बड़ी लाइन के रूप में भी जाना जाता है, दो ट्रैक के बीच 1676 मिमी. (5 फीट 6 इंच) की दूरी के साथ एक रेलवे ट्रैक गेज है। इसे मानक गेज की तुलना में व्यापक गेज के रूप में वर्णित किया जा सकता है, जो कि 1,435 मिमी (4 फीट 8½ इंच) होती है।
  •  वर्ष 1853 में भारत में निर्मित पहली रेलवे लाइन बोर बंदर (वर्तमान छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) से ठाणे तक विस्तृत एक ब्रॉड-गेज रेल-लाइन थी।
  • रेलवे नेटवर्क के अलावा, क्रेन संचालन जैसे उद्देश्यों के लिये बंदरगाहों में ब्रॉड गेज ट्रैक भी परिचालन में हैं। ब्रॉड गेज का उपयोग संकरी गेज की तुलना में बेहतर स्थिरता और उत्कृष्टता प्रदान करता है।

नए संसद भवन में ऐतिहासिक राजदंड स्थापित किया जाएगा

  • 28 मई, 2023 को नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा अध्यक्ष (स्पीकर) की कुर्सी के पास ऐतिहासिक "सेंगोल" (राजदंड) स्थापित करेंगे।
  • केंद्रीय गृहमंत्री ने स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में इस सुनहरे 'सेंगोल' के महत्त्व पर ज़ोर दिया, जो अंग्रेजों से भारतीयों को सत्ता के हस्तांतरण का प्रतिनिधित्त्व करता है।
  • सेंगोल का भारत में विशेष रूप से तमिल संस्कृति में बहुत महत्त्व है। चोल वंश में इसका ऐतिहासिक महत्त्व था।
  • "सेंगोल", जिसे नए संसद भवन में रखा जाएगा, स्वतंत्रता के समय पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को प्रदान किया  गया था।
  • केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि सत्ता का हस्तांतरण औपचारिकताओं से कहीं अधिक है, आधुनिक आवश्यकताओं को संबोधित करते हुए इसे स्थानीय परंपराओं में निहित करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया।
  • उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री 60,000 श्रमिकों ("श्रम योगी") को सम्मानित करेंगे।

पंच कर्म संकल्प

  • हाल ही में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) ने मुन्नार, केरल में आयोजित अपने दूसरे चिंतन शिविर कार्यक्रम के दौरान कई महत्त्वपूर्ण पहलों की घोषणा की।
  • पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ग्रीन शिपिंग को बढ़ावा देने एवं बंदरगाहों के डिजिटल रूपांतर करने के साथ-साथ कई महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ की।
  • 'पंच कर्म संकल्प' में MoPSW द्वारा की गई पाँच प्रमुख घोषणाएँ शामिल हैं। ये घोषणाएँ इस प्रकार हैं: MoPSW ग्रीन शिपिंग को बढ़ावा देने के लिये 30 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान करेगा; दीनदयाल पोर्ट और वीओ चिदंबरनार पोर्ट को ग्रीन हाइड्रोजन हब के रूप में विकसित किया जाएगा; जवाहरलाल नेहरू पोर्ट और वीओ चिदंबरनार पोर्ट अगले वर्ष तक स्मार्ट पोर्ट के रूप में परिवर्तित हो जाएंगे।
  • ये घोषणाएँ सतत् विकास को बढ़ावा देने, हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाने, डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से संचालन को सुव्यवस्थित प्रदान करने और भारत में बंदरगाहों के आधुनिकीकरण को सुनिश्चित करने के लिये मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच प्रवासन समझौता 

  • हाल ही में भारत और ऑस्ट्रेलिया ने अपने आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के लिये एक प्रवासन समझौता किया है।
  • इस घोषणा के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष, एंथनी अल्बनीस के बीच एक बैठक हुई।
  • इस समझौते का उद्देश्य "छात्रों, स्नातकों, अकादमिक शोधकर्त्ताओं और व्यवसायिक लोगों की दो-तरफा गतिशीलता को बढ़ावा देना" है।
  • इसके अतिरिक्त बढ़ते क्षेत्रीय तनाव के बीच नेताओं ने क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताओं पर भी चर्चा की।