30-May-2025

हैजा

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

चर्चा में क्यों?  

सूडान की राजधानी खार्तूम में भीषण हैजा प्रकोप के कारण केवल दो दिनों में 70 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। यह स्थिति चल रहे संघर्ष और स्वास्थ्य अवसंरचना की बिगड़ती हालत के कारण और भी गंभीर हो गई है।

हैजा के बारे में  

  • हैजा एक गंभीर दस्तजनित रोग है, जो विब्रियो कॉलरी  नामक बैक्टीरिया से संक्रमित दूषित भोजन या पानी के सेवन से होता है।
  • इससे तीव्र दस्त और तेज़ी से निर्जलीकरण होता है। समय पर उपचार न मिलने पर हैजा कुछ ही घंटों में जानलेवा हो सकता है, भले ही व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ हो।
  • यह रोग खराब स्वच्छता, भीड़भाड़, संघर्ष और अकाल वाले क्षेत्रों में सबसे अधिक फैलता है तथा गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों में इसका प्रकोप अधिक होता है। 
  • यह रोग उन क्षेत्रों से पूरी तरह समाप्त किया जा सकता है, जहाँ संपूर्ण जनसंख्या को स्वच्छ जल, उचित स्वच्छता व्यवस्था और बेहतर स्वास्थ्यवर्द्धक आदतों तक निरंतर पहुँच प्राप्त हो। 

लक्षण: 

  • हैजा के लक्षण संक्रमण के कुछ घंटों से लेकर पाँच दिनों के भीतर प्रकट हो सकते हैं। अधिकतर मामलों में लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में ये गंभीर रूप ले सकते हैं। 
  • लगभग 5% संक्रमित व्यक्तियों में तीव्र जलयुक्त दस्त और उल्टी देखी जाती है, जिससे शीघ्र निर्जलीकरण हो सकता है। यदि उपचार न मिले, तो यह स्थिति घातक हो सकती है।

उपचार  

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा तीन मौखिक हैजा-रोधी टीकों (OCV) — ड्युकोरल (Dukoral), शांचोल (Shanchol) और युविचोल-प्लस (Euvichol-Plus) — को पूर्व-प्रमाणित किया गया है। पूर्ण सुरक्षा के लिये इन सभी की दो खुराकें आवश्यक होती हैं।
  • हैजा के उपचार में मुख्यत: निम्न विधियाँ अपनाई जाती हैं —
    • जलपान चिकित्सा, जिससे शरीर में गायब हुए तरल और लवणों की पूर्ति की जाती है।
    • एंटीबायोटिक दवाओं के माध्यम से संक्रमण पर नियंत्रण।