13-Jun-2025
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)
चर्चा में क्यों?
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) लगभग 350 केंद्रीय स्वायत्त निकायों की लेखापरीक्षा करने के लिये अनुमोदित चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA) फर्मों के विशेषज्ञों की भर्ती करेगा।
CAG के बारे में
- संविधान का अनुच्छेद 148 नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) का स्वतंत्र पद की स्थापना करता है।
- CAG भारतीय लेखा तथा लेखा परीक्षा विभाग का प्रमुख होता है।
- यह केंद्र तथा राज्य सरकारों की वित्तीय प्रणाली की निगरानी के लिये उत्तरदायी होता है।
- यह लोक निधियों का संरक्षक होता है तथा सरकारी व्यय पर पारदर्शिता और नियंत्रण सुनिश्चित करता है।
- वित्तीय मामलों में भारतीय संविधान और संसदीय कानूनों का पालन कराता है।
- सुशासन में लोकतांत्रिक उत्तरदायित्व और पारदर्शिता बनाए रखने में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
भारत के CAG से संबंधित संवैधानिक प्रावधान
प्रावधान |
विवरण |
अनुच्छेद 148 |
यह विधेयक भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति, शपथ और सेवा की शर्तों से संबंधित है। |
अनुच्छेद 149 |
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के कर्त्तव्यों एवं शक्तियों को निर्दिष्ट करता है। |
अनुच्छेद 150 |
इसमें उल्लेख है कि संघ और राज्यों के खातों को CAG की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित प्रारूप में रखा जाना चाहिये। |
अनुच्छेद 151 |
संघीय लेखाओं पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट राष्ट्रपति को प्रस्तुत की जाएगी तथा संसद के समक्ष रखी जाएगी; वहीं राज्य की रिपोर्ट राज्यपाल को प्रस्तुत की जाएगी तथा राज्य विधानमंडल के समक्ष रखी जाएगी। |
अनुच्छेद 279 |
इसमें प्रावधान है कि CAG 'शुद्ध आय' की गणना को प्रमाणित करता है और उसका प्रमाण-पत्र अंतिम होता है। |
तीसरी अनुसूची |
सेक्शन IV में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और CAG द्वारा पद ग्रहण करने पर ली जाने वाली शपथ या प्रतिज्ञान का प्रावधान है। |
छठी अनुसूची |
यह निर्दिष्ट करता है कि ज़िला या क्षेत्रीय परिषदों के खातों को CAG द्वारा निर्धारित प्रारूप में रखा जाना चाहिये और तदनुसार उनका ऑडिट किया जाना चाहिये। परिषद के समक्ष प्रस्तुत करने के लिये रिपोर्ट राज्यपाल को प्रस्तुत की जानी चाहिये। |
MCQ के माध्यम से तैयारीप्रश्न: भारतीय संविधान का कौन-सा अनुच्छेद नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के पद की स्थापना करता है? (1) अनुच्छेद 147 उत्तर: (2) अनुच्छेद 148 |