23-May-2025
क्यूबा मिसाइल संकट
वैश्विक मामले
क्यूबा मिसाइल संकट के बारे में
- अक्तूबर 1962 में क्यूबा मिसाइल संकट शीत युद्ध की एक महत्त्वपूर्ण घटना थी, जिसमें अमेरिका और USSR परमाणु संघर्ष के करीब पहुँच गए थे।
- इस तनावपूर्ण स्थिति को क्यूबा मिसाइल संकट के नाम से जाना जाता है।
- सोवियत नेता निकिता ख्रुश्चेव और अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के त्वरित और बुद्धिमत्तापूर्ण निर्णयों के कारण यह संकट टल गया।
पृष्ठभूमि
- वर्ष 1961 में, अमेरिका समर्थित क्यूबा के विद्रोहियों ने फिदेल कास्त्रो को सत्ता से हटाने का प्रयास किया।
- आक्रमण विफल हो गया, जिसके कारण कास्त्रो को भविष्य में अमेरिकी हमलों से सुरक्षा के लिये सोवियत संघ की ओर रुख करना पड़ा।
संकट की मुख्य घटनाएँ
क्यूबा में सोवियत मिसाइलें
- ख्रुश्चेव ने क्यूबा में परमाणु मिसाइलें तैनात कीं, जो अमेरिकी तट से मात्र 145 किमी. दूर है।
- ये मिसाइलें कुछ ही मिनटों में पूर्वी अमेरिका तक पहुँच सकती हैं।
अमेरिकी प्रतिक्रिया
- कैनेडी ने सोवियत हथियारों को क्यूबा तक पहुँचने से रोकने के लिये नौसैनिक नाकाबंदी (जिसे संगरोध कहा जाता है) की घोषणा की।
चरमोत्कर्ष और समाधान:
- 28 अक्तूबर 1962 को ख्रुश्चेव ने क्यूबा में मिसाइल निर्माण रोकने और मिसाइलों को हटाने पर सहमति व्यक्त की।
- इसके जवाब में, अमेरिका ने क्यूबा पर आक्रमण न करने का वादा किया।
- नवंबर के अंत तक संकट आधिकारिक तौर पर समाप्त हो गया।
सोवियत संघ (USSR)
- पूरा नाम: सोवियत समाजवादी गणराज्य संघ।
- 21 गणराज्यों से बनी एक साम्यवादी महाशक्ति, जिस पर कम्युनिस्ट पार्टी का शासन है।
- अत्यधिक केंद्रीकृत राजनीतिक और आर्थिक प्रणाली।
- वर्ष 1991 में इसका पतन हो गया, जिससे शीत युद्ध समाप्त हो गया।