20-May-2025
आंध्र प्रदेश की लोक कलाएँ
इतिहास
चर्चा में क्यों?
कई पारंपरिक लोक-कला रूप जैसे थोलू बोम्मालता, जमुकुला पाटा और टपेटा गुल्लू संरक्षण की कमी के कारण लुप्त हो रहे हैं।
आंध्र प्रदेश की महत्त्वपूर्ण लोक कलाएँ:
- थोलू बोम्मालता: यह तीसरी शताब्दी की छाया कठपुतली कला है। इसमें संगीत, कहानी सुनाने और यात्रा करने वाले कलाकारों द्वारा की जाने वाली कलाबाज़ी के माध्यम से हिंदू महाकाव्यों को दर्शाया जाता है।
थोलू बोम्मालता
- जामुकुला पाटा: इस लोक कला में तीन कलाकार शामिल होते हैं - एक पाटाकुडु (गायक) और दो अन्य जो कोरस प्रदान करते हैं। यह पारंपरिक रूप से गाँवों में किया जाता है और मुख्य रूप से दलित समुदायों के लोग इसका आनंद लेते हैं।
जामुकुला पाटा
- तप्पेटा गुल्लू: चरवाहों द्वारा बारिश का आह्वान करने और देवी गंगम्मा की पूजा करने के लिये किया जाने वाला एक पारंपरिक भक्ति नृत्य। कलाकार भक्ति गीतों पर नृत्य करते हुए घुंघरू पहनते हैं और अपनी छाती से जुड़ा हुआ एक छोटा-सा ढोल बजाते हैं।
तप्पेटा गुल्लू
- पुली वेशालु: इस कला में कलाकार खुद को बाघों जैसा बनाते हैं और लयबद्ध तरीके से चलते हैं। यह कला विशेष रूप से विजयनगरम में लोकप्रिय है और इसे इस क्षेत्र की एक प्रसिद्ध लोक-कला के रूप में मान्यता प्राप्त है।
पुलि वेशालु