20-May-2025
हिम तेंदुआ
पर्यावरण और पारिस्थितिकी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में दार्ज़िलिंग के पद्मजा नायडू हिमालयन प्राणी उद्यान (PNHZP ) में दो हिम तेंदुए के शावकों का जन्म हुआ, जिसने व्यापक ध्यान आकर्षित किया तथा वन्यजीव संरक्षण में चिड़ियाघर की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
हिम तेंदुए के बारे में
- हिम तेंदुआ फेलिडे परिवार और पैंथेरा वंश से संबंधित है।
- इसे IUCN रेड लिस्ट में संवेदनशील श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।
- मध्य और दक्षिण एशिया की पर्वत शृंखलाओं का मूल निवासी।
- सबसे बड़ी आबादी तिब्बती पठार (चीन) में है, उसके बाद मंगोलिया और भारत का स्थान है।
- हिम तेंदुए के आवास वाले अन्य देशों में रूस, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, कज़ाकिस्तान, ताज़िकिस्तान और उज़्बेकिस्तान शामिल हैं।
- भारत में यह मुख्य रूप से जम्मू -कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के ऊँचाई वाले, ठंडे, शुष्क और बीहड़ क्षेत्रों में पाया जाता है।
पद्मजा नायडू हिमालयन ज़ूलॉजिकल पार्क (PNHZP)
- स्थान: दार्ज़िलिंग, पश्चिम बंगाल, भारत में स्थित है।
- यह भारत का अत्यधिक ऊँचाई वाला चिड़ियाघर है।
- चिड़ियाघर उन जानवरों के प्रजनन पर ध्यान केंद्रित करता है जो अल्पाइन वातावरण के अनुकूल हैं।
- इसने हिम तेंदुए, लुप्तप्राय हिमालयी भेड़िये और लाल पांडा जैसी प्रजातियों के बंदी प्रजनन में सफलता प्राप्त की है।
- यह पार्क भारतीय केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के लाल पांडा संरक्षण कार्यक्रम के लिये केंद्रीय केंद्र के रूप में कार्य करता है।
- यह विश्व चिड़ियाघर एवं एक्वेरियम एसोसिएशन (WAZA) से संबद्ध है।