20-May-2025
ई-जीरो एफआईआर
भारतीय राजनीति
चर्चा में क्यों?
नई ई-जीरो एफआईआर पहल से राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) की 1930 हेल्पलाइन पर पंजीकृत 10 लाख रुपए से अधिक के साइबर वित्तीय अपराधों को स्वचालित रूप से एफआईआर में परिवर्तित कर दिया जाएगा।
ई-जीरो एफआईआर के बारे में
- ई-जीरो एफआईआर पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'साइबर सुरक्षित भारत' के दृष्टिकोण का समर्थन करती है।
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की बैठक में इसके कार्यान्वयन का निर्देश दिया, ताकि पीड़ितों को साइबर वित्तीय अपराधों से खोई हुई धनराशि वापस पाने में मदद मिल सके।
- राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) और हेल्पलाइन 1930 साइबर अपराध की शिकायतों की आसान रिपोर्टिंग और त्वरित कार्रवाई को सक्षम बनाते हैं।
जीरो एफआईआर क्या है?
- ज़ीरो एफआईआर एक ऐसी प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) होती है जो अपराध स्थल की परवाह किये बिना किसी भी थाने में पंजीकृत की जा सकती है।
- इससे पुलिस को अधिकार क्षेत्र के अभाव के कारण शिकायत दर्ज करने से इंकार करने से रोका जा सकेगा।
- इसके बाद जाँच शुरू करने के लिये एफआईआर को सही पुलिस स्टेशन भेजा जाता है।
- वर्ष 2012 के निर्भया मामले के बाद न्यायमूर्ति वर्मा समिति की सिफारिश के आधार पर लागू किया गया यह कानून पुलिस को बिना देरी किये तुरंत कार्रवाई करने की कानूनी आवश्यकता पर ज़ोर देता है।
- इसका मुख्य लक्ष्य पीड़ितों को आसानी से शिकायत दर्ज कराने में मदद करना तथा अनावश्यक बाधाओं के बिना त्वरित पुलिस प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है।