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 20-May-2025

ऑपरेशन ओलिविया

पर्यावरण और पारिस्थितिकी

चर्चा में क्यों? 

भारतीय तटरक्षक बल ने घोषणा की है कि उसके ऑपरेशन ओलिविया अभियान के तहत ओडिशा में रुशिकुल्या नदी के मुहाने पर नेस्टिंग के मौसम के दौरान 6.98 लाख ओलिव रिडले कछुओं को सफलतापूर्वक संरक्षित किया गया, जो समुद्री संरक्षण में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। 

उद्देश्य और लक्ष्य 

  • प्राथमिक लक्ष्य:अवैध मछली पकड़ने और आवासों के विनाश जैसे खतरों को कम करके ओलिव रिडले कछुओं के सुरक्षित घोंसले सुनिश्चित करना। 
  • स्थानीय समुदायों और गैर-सरकारी संगठनों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करना। 
  • मछली पकड़ने के दौरान कछुओं की सुरक्षा के लिये कछुआ बहिष्करण उपकरणों (TEDs) का उपयोग करने जैसी टिकाऊ मछली पकड़ने की विधियों को बढ़ावा देना। 

पृष्ठभूमि और कार्यान्वयन 

  • ऑपरेशन ओलिविया 1980 के दशक के प्रारंभ में शुरू किया गया था और यह प्रतिवर्ष नवंबर से मई तक चलता है। 
  • यह ओडिशा में महत्त्वपूर्ण नेस्टिंग के तटों के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसमें गहिरमाथा और रुशिकुल्या नदी मुहाना भी शामिल है, जो ओलिव रिडले कछुओं के लिये प्रमुख प्रजनन स्थल हैं। 

ऑलिव रिडले कछुए के बारे में 

  • ओलिव रिडले कछुए विश्व में सबसे छोटे और सर्वाधिक संख्या वाले समुद्री कछुए हैं। 
  • अपने खोल के जैतून-हरे रंग के कारण इनका यह नाम पड़ा है तथा ये अपने उल्लेखनीय सामूहिक घोंसले के निर्माण के लिये प्रसिद्ध हैं, जिसे अरिबाडा के नाम से जाना जाता है, जहाँ हजारों मादाएँ एक ही समुद्र तट पर एक साथ घोंसला बनाती हैं।