22-May-2025
राज्यपाल
भारतीय राजनीति
राज्यपाल
- राज्यपाल किसी राज्य का मुख्य कार्यकारी प्रमुख होता है तथा राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रपति के समान अभिहित (संवैधानिक) प्रमुख के रूप में कार्य करता है।
- सामान्यतः प्रत्येक राज्य का अपना राज्यपाल होता है, लेकिन 7वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1956 के तहत एक ही व्यक्ति कई राज्यों का राज्यपाल हो सकता है।
- अभिहित प्रमुख होने के बावजूद, राज्यपाल के पास महत्त्वपूर्ण कार्यकारी, विधायी और न्यायिक शक्तियाँ होती हैं।
संवैधानिक प्रावधान
- राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद और महाधिवक्ता के साथ मिलकर राज्य की कार्यपालिका का गठन करता है।
- संविधान के अनुच्छेद 153 से 167 राज्यपाल की भूमिका से संबंधित हैं। अनुच्छेद 153 के अंतर्गत प्रत्येक राज्य के लिये एक राज्यपाल की नियुक्ति को अनिवार्य किया गया है, लेकिन एक व्यक्ति को एक से अधिक राज्यों का राज्यपाल नियुक्त किये जाने की अनुमति है।
नियुक्ति: राज्यपाल की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 155 के अधीन की जाती है और वह जनता या निर्वाचक मंडल द्वारा निर्वाचित नहीं होता, जिससे राज्यपाल केंद्र सरकार का नामनिर्देशित व्यक्ति है।
अर्हताएँ: अनुच्छेद 157 के अनुसार, राज्यपाल को भारतीय नागरिक होना चाहिये तथा उसकी आयु कम-से-कम 35 वर्ष होनी चाहिये।
शपथ: पदभार ग्रहण करने से पहले राज्यपाल अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन करने, संविधान की रक्षा करने और राज्य की जनता की सेवा करने की शपथ लेता है। यह शपथ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा दिलाई जाती है।
उन्मुक्ति और विशेषाधिकार: राज्यपाल को आपराधिक कार्यवाही से उन्मुक्ति प्राप्त है और पदावधि के दौरान उन्हें गिरफ्तार या कैद नहीं किया जा सकता। सिविल मामलों में दो माह का नोटिस देना आवश्यक है।
पदावधि और पदच्युत किया जाना
- 5 वर्ष पदावधि, लेकिन राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत ही पद धारण किया जाता है।
- राष्ट्रपति को पत्र लिखकर किसी भी समय इस्तीफा दे सकते हैं।
- राष्ट्रपति राज्यपाल की पदावधि स्थानांतरित या इसे बढ़ा सकता है।
- पदच्युत के लिये किसी विशेष आधार की आवश्यकता नहीं है।
शक्तियाँ और कार्य
- कार्यपालिका: मुख्यमंत्री, मंत्रियों, महाधिवक्ता, राज्य निर्वाचन आयुक्त आदि की नियुक्ति।
- विधायी: विधानमंडल को बुलाना/भंग करना, सत्रों को संबोधित करना, विधेयकों पर वीटो शक्ति।
- वित्तीय: राज्य बजट और धन विधेयक पर स्वीकृति देना।
- न्यायिक: क्षमादान प्रदान करना तथा न्यायाधीशों की नियुक्ति पर राष्ट्रपति को परामर्श देना।