22-Oct-2024
ग्रेप: दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण से निपटने के लिये एक रूपरेखा
करेंट अफेयर्स
चर्चा में क्यों?
वायु गुणवत्ता में गिरावट के कारण, दिल्ली-NCR में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण 2 को लागू किया गया है। मुख्य उपायों में धूल नियंत्रण, सड़क की सफाई और खुले में जलाने पर प्रतिबंध शामिल हैं। नागरिकों से धूल उत्पन्न करने वाली गतिविधियों से बचने का आग्रह किया जाता है।
ग्रेप- क्या है?
- यह दिल्ली-NCR क्षेत्र में वायु प्रदूषण से निपटने के लिये बनाया गया एक ढाँचा है।
- इसे आपातकालीन प्रतिक्रिया के रूप में तब लागू किया जाता है जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) "खराब" स्तर पर पहुँच जाता है, विशेष रूप से सर्दियों के महीनों के दौरान जब वायु गुणवत्ता और खराब हो जाती है।
- एम. सी. मेहता बनाम भारत संघ (2016) के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद वर्ष 2016 में इसे मंजूरी दी गई थी और वर्ष 2017 में अधिसूचित किया गया था।
ग्रेप के चरण
- ग्रेप में चार चरण हैं, जिनमें से प्रत्येक में संबंधित प्राधिकारियों और एजेंसियों द्वारा की जाने वाली विशिष्ट कार्रवाई शामिल है
- चरण I (खराब): AQI 201 से 300 तक होता है।
- चरण II (बहुत खराब): AQI 301 से 400 तक होता है।
- चरण III (गंभीर): AQI 401 से 450 तक होता है।
- चरण IV (गंभीर+): AQI 450 से अधिक है।
- जैसे-जैसे AQI खराब होता जाता है, वायु प्रदूषण को कम करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिये प्रत्येक चरण के तहत अधिक कड़े उपाय लागू किये जाते हैं।
CAQM: वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग
- यह NCR और आसपास के क्षेत्रों में GREP के कार्यान्वयन की देखरेख करता है।
- सहयोग: CAQM पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के साथ सहयोग करता है।
- उप-समिति: CAQM ने ग्रेप को क्रियान्वित करने के लिये एक उप-समिति का गठन किया है, जिसमें विभिन्न सरकारी एजेंसियों के अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल हैं।
- आदेश और निर्देश: विवाद की स्थिति में CAQM के आदेश और निर्देश, राज्य सरकारों द्वारा जारी आदेशों और निर्देशों से अधिक प्राथमिकता रखते हैं।