22-May-2025
धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002
भारतीय राजनीति
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत एक मामले में मूल्यवान संपत्तियों के हस्तांतरण से जुड़ी आपराधिक साजिश का आरोप लगाया है। जाँच का ध्यान धन शोधन गतिविधियों के तहत कुछ पक्षों को करोड़ों की संपत्ति के अवैध हस्तांतरण पर केंद्रित है।
PMLA के बारे में
- धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 का उद्देश्य भारत में धन शोधन को रोकना, अवैध धन से अर्जित संपत्ति को ज़ब्त करना और इससे संबंधित मुद्दों का समाधान करना है।
- धारा 3 के तहत धन शोधन को इस प्रकार परिभाषित किया गया है कि इसमें जानबूझकर अपराध की आय को वैध दिखाकर उसका लेन-देन किया जाता है।
- अधिनियम के तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ग्राहकों और लेनदेन के रिकार्डों का सत्यापन और रखरखाव करना आवश्यक है तथा यह प्रवर्तन निदेशालय (ED) को धन शोधन में शामिल संपत्तियों की जाँच करने और उन्हें कुर्क करने का अधिकार देता है।
- धारा 45 में आरोपी व्यक्तियों को ज़मानत देने के लिये कठोर शर्तें निर्धारित की गई हैं, जिससे धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अपराध गैर-ज़मानती हो गए हैं; यद्यपि इन्हें न्यायालयों में चुनौती दी गई है, फिर भी संशोधन के माध्यम से ये प्रावधान बने हुए हैं।
महत्त्वपूर्ण शब्दावली
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