22-May-2025
हैजा की वैक्सीन
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
चर्चा में क्यों?
भारत बायोटेक ने अपने नए ओरल हैजा वैक्सीन, हिलकोल के तीसरे चरण का नैदानिक परीक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया है।
मुख्य बिंदु
- हिलॉक वयस्कों और बच्चों में ओगावा और इनाबा दोनों प्रकार के हैजा सीरोटाइप से सुरक्षा प्रदान करता है, तथा इसकी मज़बूत सुरक्षा और प्रभावशीलता प्रदर्शित करता है।
- हैजा के कारण प्रतिवर्ष लाखों मामले सामने आते हैं और हज़ारों लोगों की मृत्यु हो जाती है, तथा वैश्विक स्तर पर इसकी 100 मिलियन खुराक की मांग है, लेकिन आपूर्ति सीमित है; भारत बायोटेक की 200 मिलियन खुराक की उत्पादन क्षमता का लक्ष्य इस कमी को पूर्ण करना है।
- यह वैक्सीन विशेष रूप से जलजनित रोगों का सामना कर रहे निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिये महत्त्वपूर्ण है, जो कठोर शोध के आधार पर लागत प्रभावी, विश्वसनीय वैक्सीन उपलब्ध कराने की भारत बायोटेक की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
हैजा के बारे में
- हैजा एक गंभीर दस्त रोग है जो विब्रियो कोलेरी नामक जीवाणु से संदूषित भोजन या जल के सेवन से होता है।
- इससे तीव्र दस्त और निर्जलीकरण होता है और यदि समय रहते उपचार न किया जाए तो यह कुछ ही घंटों में घातक हो सकता है, यहाँ तक कि स्वस्थ व्यक्तियों के लिये भी।
- हैजा मुख्य रूप से निम्नस्तरीय स्वच्छता, भीड़भाड़, युद्ध, अकाल और उष्ण जलवायु वाले क्षेत्रों में होता है। सभी के लिये स्वच्छ जल, उचित स्वच्छता और गुणवत्तापूर्ण स्वच्छता सुनिश्चित करके इसका पूर्वानुमान लगाया जा सकता है और इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
उपचार
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा स्वीकृत हैजा की वैक्सीन में डुकोरल, शांचोल और यूविचोल-प्लस शामिल हैं, इन सभी में पूर्ण सुरक्षा के लिये दो खुराक की आवश्यकता होती है। उपचार में शामिल हैं:
- पुनर्जलीकरण चिकित्सा (ओरल या अंतःशिरा)
- गंभीरता को कम करने के लिये एंटीबायोटिक्स
- बच्चों के स्वास्थ्य लाभ के लिये जिंक की खुराक