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 18-Feb-2025

ज्ञानेश कुमार – नए मुख्य निर्वाचन आयुक्त

विविध

चर्चा में क्यों?  

17 फरवरी, 2025 को, भारत के कानून मंत्रालय ने ज्ञानेश कुमार को आधिकारिक रूप से भारत के अगले मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) के रूप में नियुक्त किया।

चयन एवं नियुक्ति  

  • नियुक्ति प्राधिकारी: नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति द्वारा चयन किया जाएगा।  
  • कानूनी संदर्भ: उनका चयन निर्वाचन आयोग की नियुक्तियों को नियंत्रित करने वाले नए कानून पर सर्वोच्च न्यायालय की आगामी सुनवाई के साथ मेल खाता है।  
  • वरिष्ठता: मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनने से पहले, वह मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के बाद सबसे वरिष्ठ निर्वाचन आयुक्त थे।  
  • चयन का कारण: प्रशासन और शासन में उनके व्यापक अनुभव ने उन्हें भारत के निर्वाचन आयोग का नेतृत्व करने के लिये एक सक्षम उम्मीदवार बना दिया।  

प्रशासनिक एवं सरकारी कॅरियर  

  • राज्य स्तरीय भूमिकाएँ (केरल सरकार): केरल कैडर के 1988 बैच के IAS अधिकारी के रूप में उन्होंने प्रमुख पदों पर कार्य किया है, जिनमें शामिल हैं:  
    • सहायक कलेक्टर, एर्नाकुलम  
    • उप-कलेक्टर, अडूर  
    • प्रबंध निदेशक, केरल राज्य विकास निगम (SC/ST)  
    • नगर आयुक्त, कोचीन निगम  
    • सचिव, केरल सरकार, वित्त, सार्वजनिक कार्य और फास्ट-ट्रैक परियोजनाओं की देख-रेख करते हैं  
  • केंद्र सरकार में भूमिकाएँ: राष्ट्रीय स्तर पर, ज्ञानेश कुमार ने विभिन्न महत्त्वपूर्ण मंत्रालयों में कार्य किया है, जिनमें शामिल हैं:  
    • संयुक्त सचिव, रक्षा मंत्रालय  
    • संयुक्त सचिव एवं अपर सचिव, गृह मंत्रालय  
    • सचिव, संसदीय कार्य मंत्रालय  
    • सचिव, सहकारिता मंत्रालय  
    • उनके सबसे उल्लेखनीय योगदानों में से एक केंद्रीय गृह मंत्रालय में कार्य करते हुए जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद प्रमुख निर्णयों को लागू करने में उनकी भूमिका थी।  

निर्वाचन आयोग में भूमिका  

  • 31 जनवरी, 2024 को केंद्रीय सहकारिता सचिव के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें 14 मार्च, 2024 को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया।  
  • एक निर्वाचन आयुक्त के रूप में, उन्होंने पूरे भारत में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी मतदान सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

भारत निर्वाचन आयोग (ECI)  

भारत निर्वाचन आयोग (ECI) एक स्वतंत्र संवैधानिक प्राधिकरण है जो संघ और राज्य स्तर पर मतदान कराने के लिये ज़िम्मेदार है।  

  • 25 जनवरी 1950 को स्थापित (राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है)।  
  • मुख्यालय: नई दिल्ली।  
  • लोक सभा (लोक सभा), राज्य सभा (राज्य परिषद), राज्य विधान सभाओं तथा भारत के राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के लिये मतदान आयोजित करता है ।  

संवैधानिक प्रावधान (भाग XV: अनुच्छेद 324-329)  

  • अनुच्छेद 324: निर्वाचन आयोग को मतदानों का पर्यवेक्षण, निर्देशन और नियंत्रण करने का अधिकार देता है।  
  • अनुच्छेद 325: यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी व्यक्ति को धर्म, मूलवंश, जाति या लिंग के आधार पर चुनावी अधिकार से वंचित नहीं किया जाएगा।  
  • अनुच्छेद 326: लोक सभा और राज्य विधान सभाओं के मतदान वयस्क मताधिकार पर आधारित होंगे।  
  • अनुच्छेद 327: संसद को मतदान प्रक्रिया का कानून बनाने की शक्ति प्राप्त है।  
  • अनुच्छेद 328: राज्य विधानमंडलों को राज्य मतदानों को विनियमित करने की शक्ति है।  
  • अनुच्छेद 329: न्यायालय चुनावी मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते।  

निर्वाचन आयोग की संरचना  

  • वर्तमान में इसमें शामिल हैं  
    • मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC)।  
    • दो निर्वाचन आयुक्त (ईसी)।  
  • राज्य स्तर पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी मतदान संचालन में सहायता करता है।  

नियुक्ति एवं कार्यकाल  

  • नियुक्ति: भारत के राष्ट्रपति CEC और अन्य ईसी (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) अधिनियम, 2023 के अनुसार CEC और ईसी की नियुक्ति करते हैं।  
  • कार्यकाल: छह वर्ष की निश्चित अवधि या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो।  

निष्कासन प्रक्रिया  

  • त्याग-पत्र: मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्त किसी भी समय त्याग-पत्र दे सकते हैं।  
  • पद से हटाना  
  • मुख्य निर्वाचन आयुक्त को केवल संसदीय महाभियोग प्रक्रिया के माध्यम से ही हटाया जा सकता है, जो सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान है।  
  • निर्वाचन आयुक्तों को केवल मुख्य निर्वाचन आयुक्त की अनुशंसा पर ही हटाया जा सकता है।