26-Sep-2024
प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO)
भारतीय अर्थव्यवस्था
चर्चा में क्यों?
हुंडई मोटर इंडिया और स्विगी को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) से IPO लॉन्च करने की मंज़ूरी मिल गई है। हुंडई का लक्ष्य 3 बिलियन डॉलर से अधिक जुटाना है, जबकि स्विगी (Swiggy) की योजना 10,000 करोड़ रुपए से अधिक जुटाने की है। हुंडई का IPO दो दशकों में पहली ऑटोमेकर लिस्टिंग है, जबकि स्विगी की पेशकश में नए इक्विटी शेयर और ऑफर-फॉर-सेल दोनों शामिल हैं।
IPO के बारे में
- यह वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोई निजी कंपनी या सरकारी कंपनी जैसे LIC, जनता या निवेशकों को शेयरों की पेशकश करके धन जुटाती है।
- IPO के बाद कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हो गई है ।
- स्टॉक एक्सचेंज शेयरों, स्टॉक और बॉण्ड जैसी प्रतिभूतियों की बिक्री और खरीद के लिये एक संगठित बाज़ार है।
- एक सूचीबद्ध कंपनी भविष्य में विकास और विस्तार के लिये अनुवर्ती सार्वजनिक पेशकश या FPO के माध्यम से शेयर पूंजी जुटा सकती है।
SEBI के बारे में
- स्थापना: 12 अप्रैल, 1988 को भारत सरकार द्वारा प्रतिभूति बाज़ार के व्यवस्थित और स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने तथा निवेशकों की सुरक्षा के लिये एक अंतरिम प्रशासनिक निकाय के रूप में।
- वैधानिक स्थिति: 30 जनवरी, 1992
- वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्य ।
- उद्देश्य
- स्टॉक एक्सचेंजों और प्रतिभूति उद्योग को विनियमित करना ताकि उनके व्यवस्थित कार्यभार को बढ़ावा दिया जा सके।
- निवेशकों, विशेष रूप से व्यक्तिगत निवेशकों के अधिकारों और हितों की रक्षा करना तथा उन्हें मार्गदर्शन एवं शिक्षा प्रदान करना
- व्यापारिक कदाचार को रोकना तथा प्रतिभूति उद्योग द्वारा स्व-नियमन और इसके वैधानिक विनियमन के बीच संतुलन प्राप्त करना।
- दलालों, मर्चेंट बैंकरों आदि जैसे मध्यस्थों द्वारा आचार संहिता और निष्पक्ष व्यवहार को विनियमित और विकसित करना।