11-Apr-2025
जात्रा उत्सव
इतिहास
चर्चा में क्यों?
त्रिपुरा राज्य जात्रा उत्सव का आयोजन करने जा रहा है, जिसमें जात्रा के पारंपरिक लोक नाट्य रूप का उत्सव मनाया जाएगा और उसे प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिसका पूर्वी भारत में महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक महत्त्व है।
जात्रा: परिचय
- बंगाल और ओडिशा में प्रचलित एक लोकप्रिय लोक रंगमंच।
- ऐतिहासिक उत्पत्ति: 16वीं शताब्दी में वैष्णववाद और भक्ति आंदोलन के उदय से संबंधित, जिसका नेतृत्व श्री चैतन्य महाप्रभु ने किया था।
- यह एक मिश्रित कला रूप है, जिसे मिश्रित साधनों का रंगमंच भी कहा जाता है, जिसमें गीत, नृत्य, अभिनय और गायन का संयोजन होता है।
- प्रस्तुत विषय वस्तुएँ: पौराणिक कथाएँ, धर्मनिरपेक्ष कहानियाँ, हास्य, वीरता और नाटकीय घटनाएँ।