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 23-Apr-2025

तरलता कवरेज अनुपात (LCR)

भारतीय अर्थव्यवस्था

चर्चा में क्यों? 

  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने LCR के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किये हैं। 

तरलता कवरेज अनुपात (LCR): परिचय  

  • LCR उच्च गुणवत्ता वाली तरल परिसंपत्तियों (High-Quality Liquid Assets - HQLA) की वह राशि है जो वित्तीय संस्थाओं के पास बाज़ार में उथल-पुथल के दौरान अल्पकालिक दायित्वों को पूरा करने के लिये होनी चाहिये। 
  • यह बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बेसल समिति द्वारा तैयार बेसल समझौते के अद्यतन का परिणाम है। 
  • LCR मुद्रा आपूर्ति को कम कर देता है, क्योंकि इसके लिये बैंकों को अत्यधिक तरल परिसंपत्तियों का बड़ा हिस्सा अपने पास रखना पड़ता है। 

भारतीय रिज़र्व बैंक: परिचय 

  • स्थापना: 1935, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत।  
  • मुख्यालय: मुंबई, महाराष्ट्र।  
  • प्रथम गवर्नर: सर ओसबोर्न स्मिथ (1935-1937)
  • पूर्व गवर्नर: शक्तिकांत दास (2018–2024)
  • वर्तमान गवर्नर: संजय मल्होत्रा (11 दिसंबर, 2024 से)
  • भूमिका: भारत का केंद्रीय बैंक मौद्रिक और वित्तीय प्रणाली को विनियमित करने के लिये ज़िम्मेदार है।  
  • प्राथमिक कार्य:  
    • मौद्रिक नीति: मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और मुद्रा को स्थिर करने के लिये नीतियाँ तैयार करती है।  
    • मुद्रा जारी करना: मुद्रा नोटों का एकमात्र जारीकर्त्ता (₹1 के नोट और सिक्कों को छोड़कर)।  
    • सरकार का बैंकर: सरकार के बैंकर के रूप में कार्य करता है और सार्वजनिक ऋण का प्रबंधन करता है।  
    • बैंकों का विनियमन: वाणिज्यिक बैंकों, सहकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों का पर्यवेक्षण और विनियमन करता है।  
    • विदेशी मुद्रा प्रबंधन: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन करता है और रुपए को स्थिर रखता है।