05-Jun-2025
जनगणना
भूगोल
चर्चा में क्यों?
गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि जनगणना 2027, जाति आधारित गणना के साथ, दो चरणों में कराई जाएगी। इसके लिये संदर्भ तिथि सामान्य क्षेत्रों के लिये 1 मार्च 2027 तथा हिमाच्छादित क्षेत्रों के लिये 1 अक्तूबर 2026 निर्धारित की गई है।
भारत में जनगणना क्या है?
- जनगणना एक दशकीय प्रक्रिया है, जो राष्ट्रीय, क्षेत्रीय तथा स्थानीय स्तरों पर जनसांख्यिकी, अर्थव्यवस्था, संस्कृति और मानव संसाधनों से जुड़ी महत्त्वपूर्ण आँकड़ीय जानकारी प्रदान करती है।
- भारत में पहली बार वर्ष 1872 में असमकालिक रूप से जनगणना कराई गई थी, जबकि पूर्ण जनगणना का आयोजन वर्ष 1881 में डब्ल्यू. सी. प्लॉडेन (W.C. Plowden) की अध्यक्षता में हुआ। उस समय भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड मेयो थे।
- जनगणना का आयोजन हर 10 वर्ष में गृह मंत्रालय के अधीन भारत के महापंजीयक तथा जनगणना आयुक्त द्वारा किया जाता है।
जनगणना का कानूनी/संवैधानिक आधार
- जनगणना को भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची की संघ सूची- प्रविष्टि 69 के अंतर्गत सूचीबद्ध किया गया है।
- यह जनगणना अधिनियम, 1948 द्वारा शासित है।
जनगणना का प्रकार |
समय अवधि / वर्ष |
मुख्य विवरण |
गैर-समकालिक जनगणना |
1865–1872 |
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समकालिक जनगणना |
1881 |
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जाति आधारित जनगणना
- अगली राष्ट्रीय जनगणना 1 मार्च, 2027 को शुरू होगी और इसमें पहली बार जाति गणना भी शामिल होगी, जैसा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा अनुमोदित किया गया है।
- वर्ष 2027 की जनगणना पूरे देश में दो चरणों में आयोजित की जाएगी।
- लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे हिमाच्छादित क्षेत्रों में जनगणना अक्तूबर 2026 से पहले शुरू होगी।
- कोविड-19 के कारण वर्ष 2021 की जनगणना स्थगित कर दी गई, जिससे यह 16 वर्षों में पहली दशकीय जनगणना होगी।
MCQ के माध्यम से तैयारीप्र: भारत की जनगणना किस मंत्रालय के अधीन की जाती है?
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