17-Oct-2024

न्यूनतम समर्थन मूल्य

भारतीय अर्थव्यवस्था

चर्चा में क्यों? 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (Cabinet Committee on Economic Affairs- CCEA) ने विपणन सत्र वर्ष 2025-26 के लिये रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है। सबसे अधिक वृद्धि रेपसीड और सरसों के लिये ₹300 प्रति क्विंटल है, इसके बाद मसूर के लिये ₹275 है। चना, गेहूँ, कुसुम और जौ जैसी अन्य फसलों में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जिससे किसानों की आय में वृद्धि सुनिश्चित हुई। 

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के बारे में 

  • परिभाषा: एक मूल्य समर्थन तंत्र जो किसानों के लिये उनके उत्पादों के लिये गारंटीकृत मूल्य और सुनिश्चित बाज़ार के माध्यम से सुरक्षा जाल के रूप में कार्य करता है। 
  • उत्पत्ति: वर्ष 1966-67 में गेहूँ के लिये शुरू किया गया। 
  • निर्धारण: कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (Commission for Agricultural Costs and Prices- CACP) द्वारा किसानों द्वारा वहन की गई A2+FL लागत के आधार पर वर्ष में दो बार निर्धारित किया जाता है। 
  • CACP: जनवरी 1965 में स्थापित, यह कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का एक संबद्ध कार्यालय है। 
  • सिफारिशें: CACP पाँच श्रेणियों के लिये मूल्य नीति रिपोर्ट के माध्यम से सरकार को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करता है: खरीफ फसलें, रबी फसलें, गन्ना, कच्चा जूट और कोपरा। 
  • अनुमोदन: आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (Cabinet Committee of Economic Affairs- CCEA) से अनुमोदन की आवश्यकता है। 
  • कवर की गई फसलें:  23 फसलें अर्थात् 
    • 7 अनाज (धान, गेहूँ, जौ, मक्का, बाजरा, ज्वार और रागी) 
    • 5 दलहन (चना, अरहर/तुअर, उरद, मूंग और मसूर) 
    • 7 तिलहन (मूँगफली, रेपसीड-सरसों, सोयाबीन, तिल, सूरजमुखी, कुसुम, नाइजर सीड) 
    • 4 वाणिज्यिक फसलें  (कोपरा, गन्ना, कपास और कच्चा जूट) 
  • उत्पादन लागत के तीन प्रकार 
    • 'A2':  इसमें किसान द्वारा बीज, उर्वरक, कीटनाशक, श्रम, पट्टे पर ली गई भूमि, ईंधन, सिंचाई आदि पर सीधे नकद और वस्तु के रूप में किये गए सभी भुगतान एवं व्यय शामिल हैं। 
    • 'A2+FL': इसमें A2 के साथ अवैतनिक पारिवारिक श्रम का अनुमानित मूल्य शामिल है। 
    • 'C2':  यह अधिक व्यापक लागत है, जिसमें A2+FL के अतिरिक्त स्वामित्व वाली भूमि और अचल पूंजीगत परिसंपत्तियों के लिये किराया और ब्याज भी शामिल होता है। 
  • राष्ट्रीय किसान आयोग (स्वामीनाथन समिति) ने भी सिफारिश की थी कि MSP उत्पादन की भारित औसत लागत से कम से कम 50% अधिक होनी चाहिये। 

उचित एवं लाभकारी मूल्य (Fair and Remunerative Price- FRP) के बारे में 

  • यह न्यूनतम मूल्य है जो मिलों को गन्ना उत्पादकों को देना होता है। 
  • इसकी घोषणा केंद्र सरकार द्वारा CACP की सिफारिशों के आधार पर की गई थी।