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 13-May-2025

संक्षिप्त समाचार

परीक्षा अपडेट

जिनेवा में BRS सम्मेलनों की CoP संपन्न हुई 

  • हाल ही में स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में बासेल, रॉटरडैम और स्टॉकहोम सम्मेलनों (BRS CoP) के पक्षकारों के सम्मेलन (CoP) की थीम थी, "Make visible the invisible: sound management of chemicals and wastes अर्थात् अदृश्य को दृश्य बनाएँ: रसायनों और अपशिष्टों का अच्छा प्रबंधन।" 
  • इन द्विवार्षिक सम्मेलनों का उद्देश्य खतरनाक रसायनों और अपशिष्ट प्रबंधन पर वैश्विक कार्रवाई को आगे बढ़ाना है तथा भारत इन तीनों सम्मेलनों का एक पक्ष है। 
  • ये सम्मेलन खतरनाक अपशिष्ट को कम करने, रसायनों के सुरक्षित प्रबंधन को सुनिश्चित करने तथा मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा के लिये स्थाई कार्बनिक प्रदूषकों (POP) को समाप्त करने पर केंद्रित हैं। 

S-400 

  • रूस से प्राप्त लंबी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली S-400 'सुदर्शन चक्र', स्टेल्थ विमान, मिसाइलों और ड्रोन जैसे हवाई खतरों का सामना करने के लिये भारत की प्रमुख परिसंपत्ति है।
  • भारत ने 2018 में रूस के साथ ₹35,000 करोड़ के सौदे में यह प्रणाली खरीदी थी और अब तीन स्क्वाड्रन संचालन में हैं।

पारंपरिक चिकित्सा के मित्रों का समूह 

  • पारंपरिक चिकित्सा के मित्रों के समूह (GFTM) की छठी बैठक जिनेवा में आयोजित की गई, जिसमें स्वास्थ्य सेवा में पारंपरिक चिकित्सा को सुदृढ़ करने के लिये वैश्विक प्रतिनिधियों को एक साथ लाया गया। 
  • बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन की पारंपरिक चिकित्सा रणनीति 2025-2034 का समर्थन किया गया तथा साक्ष्य-आधारित पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने में भारत के नेतृत्व पर प्रकाश डाला गया। 
  • सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने राष्ट्रीय आयुष मिशन और पारंपरिक चिकित्सा में एआई जैसे उभरते क्षेत्रों के एकीकरण जैसी पहलों के माध्यम से भारत की प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया। 

भारत बोध केंद्र 

  • केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने नई दिल्ली में इंडिया हैबिटेट सेंटर (IHC) में 'भारत बोध केंद्र' का उद्घाटन किया, जो कला, दर्शन, अध्यात्म और इतिहास पर पुस्तकों के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक विरासत को जानने के लिये समर्पित स्थान है। 
  • इस पहल का उद्देश्य भारत की अमूर्त विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देना, सांस्कृतिक साक्षरता और विरासत शिक्षा को बढ़ावा देना है। 
  • यह केंद्र विद्वानों और सार्वजनिक सहभागिता के लिये संसाधन प्रदान करता है तथा भारत की परंपराओं पर अंतःविषयक शोध को समर्थन प्रदान करता है।