13-May-2025
सौर ऊर्जा
पर्यावरण और पारिस्थितिकी
चर्चा में क्यों?
संतोष सारंगी को भारतीय सौर ऊर्जा निगम का अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (CMD) नियुक्त किया गया।
भारतीय सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (SECI) क्या है?
वर्ष 2011 में स्थापित SECI, भारत की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं की पूर्ति में सहायता प्रदान करते हुए नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिये नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) की प्राथमिक कार्यान्वयन एजेंसी है।
सौर ऊर्जा:
- सौर ऊर्जा सूर्य से प्राप्त ऊर्जा है जिसे तापीय या विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।
सौर ऊर्जा रूपांतरण की विधियाँ:
- फोटोवोल्टिक सेल (सौर पैनल)
- विभिन्न अर्द्धचालक सामग्रियों से निर्मित।
- ये संयंत्र सूर्य के प्रकाश को प्रत्यक्ष रूप से विद्युत् में परिवर्तित करते हैं।
- सामान्यतः विद्युत् के आवासीय अथवा वाणिज्यिक आवश्यकताओं के लिये ग्रिड-बंधित प्रणालियों में उपयोग किया जाता है।
- संकेद्रित सौर-तापीय ऊर्जा (CSP) प्रणालियाँ
- इसमें सूर्य प्रकाश को रिसीवर पर परावर्तित करने और केंद्रित करने के लिये दर्पण का उपयोग किया जाता है।
- ये रिसीवर संकेद्रित सूर्य प्रकाश को ऊष्मा में परिवर्तित करते हैं, जिसका उपयोग तत्पश्चात् विद्युत् उत्पन्न करने के लिये किया जाता है।
- इसका उपयोग सामान्यतः बृहद स्तर के सौर ऊर्जा संयंत्रों में किया जाता है।
सौर फोटोवोल्टिक प्रणालियों के प्रकार
- ग्रिड-बंधित (ऑन-ग्रिड) प्रणाली
- यूटिलिटी ग्रिड से संसक्त।
- इससे अतिरिक्त विद्युत् को ग्रिड में वापस भेजा जा सकता है।
- लाभ: ऊर्जा भंडारण की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
- बैटरी बैकअप युक्त ग्रिड-बंधित
- इसमें सौर पैनल, ग्रिड कनेक्शन और बैटरी को एकीकृत किया जाता है।
- यह विद्युत् की गुणवत्ता में सुधार के लिये ग्रिड की असामान्य स्थितियों के दौरान बैटरी बैकअप प्रदान करता है।
- ऑफ-ग्रिड सिस्टम
- इसमें सूर्य प्रकाश को दिष्टधारा (DC) ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिये सौर पैनलों का उपयोग किया जाना शामिल है।
- सूर्य प्रकाश उपलब्ध न होने पर उपयोग के लिये इस ऊर्जा को बैटरियों में संग्रहित किया जाता है।
- यह उन क्षेत्रों के लिये उपयुक्त है जहाँ बिजली ग्रिड की निर्बाध पहुँच नहीं है।