13-May-2025
फसल का मौसम
भारत में फसल का मौसम
भारतीय कृषि अपनी विविध फसलीय ऋतुओं की विशेषता रखती है, जो मुख्यतः खरीफ, रबी और जायद फसलों में विभाजित हैं। ये फसलें मौसमी जलवायु, जल उपलब्धता और क्षेत्रीय प्राथमिकताओं के आधार पर उगाई जाती हैं। खरीफ का मौसम मानसून के दौरान होता है, जबकि रबी की कृषि शीतकाल में की जाती है और जायद फसलें ग्रीष्मकाल में, रबी तथा खरीफ के बीच बोई जाती हैं। नीचे इन फसलों और उनकी विशेषताओं का विवरण दिया गया है।
खरीफ फसलें: खरीफ फसलें आमतौर पर मानसून ऋतु की शुरुआत में, जून से जुलाई के बीच बोई जाती हैं और सितंबर से अक्तूबर के बीच काटी जाती हैं।
विशेषता |
खरीफ फसलें |
बुवाई अवधि |
जून से जुलाई (मानसून की शुरुआत) |
कटाई अवधि |
सितंबर से अक्तूबर (शीत ऋतु) |
जलवायु आवश्यकताएँ |
पर्याप्त वर्षा के साथ ग्रीष्म और आर्द्र परिस्थितियाँ |
जल निर्भरता |
मानसूनी वर्षा पर अत्यधिक निर्भरता |
मृदा का प्रकार |
अच्छी जल निकासी वाली मृदा, जो आर्द्रता बरकरार रखती है |
उदाहरण |
चावल, मक्का, कपास, बाज़रा, सोयाबीन, मूंगफली, गन्ना |
रबी फसलें: रबी फसलें आमतौर पर मानसून के बाद, अक्तूबर से नवंबर के बीच बोई जाती हैं, शीतकाल के दौरान अप्रैल से जून के बीच काटी जाती हैं।
विशेषता |
रबी फसलें |
बुवाई अवधि |
अक्तूबर से नवंबर (मानसून के पश्चात्) |
कटाई अवधि |
अप्रैल से जून (वसंत) |
आवश्यक जलवायु |
ठंडा तापमान, आमतौर पर 15°C से 20°C के बीच |
जल निर्भरता |
न्यूतनम जल की आवश्यकता होती है, प्रायः सिंचाई की आवश्यकता होती है |
मृदा का प्रकार |
दोमट या जलोढ़ मृदा जो कुछ आर्द्रता बनाए रखती है |
उदाहरण |
गेहूँ, जौ, सरसों, मटर, चना, आलू, प्याज |
जायद फसलें: जायद फसलें रबी और खरीफ मौसम (मार्च से जून) के बीच बोई जाती हैं, इनका विकास चक्र छोटा होता है, जिसके लिये प्रायः न्यूनतम जल की आवश्यकता होती है।
विशेषता |
जायद फसलें |
बुवाई अवधि |
मार्च से जून (रबी और खरीफ के बीच) |
कटाई अवधि |
बुवाई के 60 से 90 दिन बाद (छोटी अवधि) |
आवश्यक जलवायु |
उष्ण, शुष्क परिस्थितियाँ जिसमें फूलों के खिलने के लिये दिन के उजाले की अवधि लंबी होती है |
जल निर्भरता |
खरीफ और रबी फसलों की तुलना में न्यूनतम जल की आवश्यकता होती है |
मृदा का प्रकार |
अच्छी जल निकासी वाली, उच्च उर्वरता वाली मृदा को प्राथमिकता देता है |
उदाहरण |
तरबूज, खरबूजा, खीरा, करेला, ग्वार |