23-Jun-2025
लोकसभा अध्यक्ष
रणनीति
चर्चा में क्यों?
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने मुंबई में आयोजित संसद तथा राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की विधानसभाओं की प्राक्कलन समितियों के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।
लोकसभा अध्यक्ष के बारे में
- अध्यक्ष लोकसभा (संसद का निम्न सदन) का पीठासीन अधिकारी और संवैधानिक प्रमुख होता है।
- लोकसभा सदस्यों द्वारा निर्वाचित होता है और केवल वर्तमान सदस्य ही इसके लिये पात्र हैं।
- कार्य: व्यवस्था बनाए रखना, कार्यवाही का संचालन करना तथा सदन का सुचारू संचालन सुनिश्चित करना।
- यह अध्यक्ष राष्ट्रपति, राज्यसभा और बाह्य संस्थाओं के साथ संवाद में लोकसभा का प्रतिनिधित्व करता है।
चुनाव और कार्यकाल
- अध्यक्ष का चुनाव, लोकसभा की पहली बैठक के शीघ्र बाद होता है; तिथि राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित की जाती है।
- अध्यक्ष तब तक पद पर बना रहता है जब तक:
- वह लोकसभा का सदस्य न रहे,
- वह स्वयं इस्तीफा दे,
- या उसे प्रभावी बहुमत से पारित प्रस्ताव द्वारा पद से हटाया जाए।
अध्यक्ष को हटाने की प्रक्रिया
- हटाने हेतु प्रस्ताव को कम-से-कम 50 सदस्यों का समर्थन आवश्यक होता है।
- इसके लिये 14 दिन पूर्व सूचना देना अनिवार्य है।
- अध्यक्ष इस प्रक्रिया की अध्यक्षता नहीं कर सकता, लेकिन बहस में भाग ले सकता है और मतदान भी कर सकता है।
वेतन और भत्ते
- अध्यक्ष का वेतन और भत्ते संसद द्वारा निर्धारित किये जाते हैं।
- ये भारत की संचित निधि से दिये जाते हैं।
लोकसभा अध्यक्ष के बारे में कुछ तथ्य:
- जी.वी. मावलंकर लोकसभा के पहले अध्यक्ष (1952-1956) थे।
- मीरा कुमार लोकसभा की पहली महिला अध्यक्ष (2009-2014) थीं।
- सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहने वाले व्यक्ति बलराम जाखड़ (1980-1989) थे।
- ओम बिरला वर्तमान अध्यक्ष (17वीं लोकसभा) हैं, जो 19 जून 2019 से इस पद पर हैं।
MCQ के माध्यम से तैयारीप्रश्न. लोकसभा में मतदान के दौरान बराबरी की स्थिति में अध्यक्ष क्या कर सकता है? (1) तटस्थ रहना उत्तर: (3) निर्णायक मत का प्रयोग करना |