09-Jun-2025
रेपो दर
चर्चा में क्यों?
भारतीय रिज़र्व बैंक ने रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती करते हुए इसे 5.5% कर दिया है तथा अपनी मौद्रिक नीति का रुख 'समायोजनकारी' से बदलकर 'तटस्थ' कर दिया है, जो बाज़ार की अपेक्षाओं से अधिक है।
रेपो दर के बारे में
- रेपो रेट वह ब्याज दर है, जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक ऋण प्रदान करता है।
- यह एक मौद्रिक नीति उपकरण है, जिसका उपयोग तरलता, मुद्रास्फीति तथा देश की आर्थिक गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिये किया जाता है।
- रेपो रेट घटाने से बैंक अधिक उधार लेते हैं, जिससे पैसे की आपूर्ति बढ़ती है और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलता है।
- रेपो रेट बढ़ाने से उधारी महँगी हो जाती है, जिससे पैसे का प्रवाह घटता है और मुद्रास्फीति पर नियंत्रण में मदद मिलती है।
- यह ब्याज दरों, निवेश निर्णयों तथा समग्र मांग को सीधे प्रभावित करता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI)
- भारतीय रिज़र्व बैंक भारत का केंद्रीय बैंक है, जो देश की बैंकिंग प्रणाली का विनियमन एवं पर्यवेक्षण करता है।
- यह भारतीय रुपए के निर्गमन, प्रवाह एवं स्थिरता को नियंत्रित करता है तथा इसकी पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करता है।
- RBI की स्थापना वर्ष 1934 में हिल्टन यंग आयोग (भारतीय मुद्रा और वित्त पर 1926 रॉयल आयोग) की सिफारिशों के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम के तहत की गई थी।
- प्रारंभ में यह एक निजी स्वामित्व वाला संस्थान था, जिसे वर्ष 1949 में राष्ट्रीयकृत किया गया और अब यह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के पूर्ण स्वामित्व में है।
MCQ के माध्यम से तैयारीप्रश्न. रेपो दर के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? (A) RBI ने रेपो दर में 50 आधार अंकों की कटौती की है और अपनी नीतिगत स्थिति को 'समायोज्य' से बदलकर 'तटस्थ' कर दिया है। नीचे दिये गए कोड का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये: (1) केवल (A) और (C) उत्तर: (1) केवल (A) और (C) |