19-Sep-2024
संत कवि तिरुवल्लुवर
इतिहास
सियांत तिरुवल्लुवर का परिचय:
- उन्हें वल्लुवर भी कहा जाता है और वे एक तमिल कवि-संत थे।
- उनके जीवन काल को तीसरी - चौथी शताब्दी या आठवीं - नौवीं शताब्दी के बीच माना जाता है।
- माना जाता है कि वे जैन धर्म को मानते थे। हालाँकि, हिंदू दावा करते हैं कि तिरुवल्लुवर हिंदू धर्म से संबंधित थे।
- द्रविड़ समूह उन्हें संत मानते हैं, क्योंकि उन्होंने जाति व्यवस्था को खारिज किया था।
- उनका योगदान: उनके द्वारा संगम साहित्य में तिरुक्कुरल या 'कुराल' (Tirukkural or ‘Kural') की रचना की गई थी।
तिरुक्कुरल:
- इसमें 10 दोहों के 133 खंड हैं।
- प्रत्येक को तीन पुस्तकों में विभाजित किया गया है: आराम (सद्गुण), पोरुल (सरकार और समाज), और कामम (प्रेम)।
- यह तमिल भाषा में लिखा गया है ।