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 10-Sep-2025

हिमाचल प्रदेश ‘पूर्ण साक्षर’ राज्य घोषित

संक्षिप्त समाचार

चर्चा में क्यों?

यह घोषणा 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर उल्लास कार्यक्रम (नव भारत साक्षरता कार्यक्रम) के अंतर्गत की गई।

  • हिमाचल प्रदेश त्रिपुरा, मिज़ोरम और गोवा के बाद पूर्ण कार्यात्मक साक्षरता हासिल करने वाला चौथा राज्य बन गया, जबकि लद्दाख पहला केंद्रशासित प्रदेश बन गया जिसने पूर्ण साक्षरता प्राप्त की (2024)।
  • हिमाचल प्रदेश की साक्षरता दर 99.30% है, जो राष्ट्रीय मानक 95% से अधिक है।

उल्लास कार्यक्रम

  • यह एक केंद्र प्रायोजित योजना (2022-27) है, जो निरक्षर वयस्कों (15 वर्ष और उससे अधिक) को लक्षित करती है।
  • उद्देश्य: साक्षरता, डिजिटल साक्षरता और जीवन कौशल जैसी वित्तीय साक्षरता प्रदान करना।
  • शिक्षण हेतु विषयवस्तु 26 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराई जाती है एवं समावेशी साक्षरता पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
  • इसके अंतर्गत अभी तक 3 करोड़ से अधिक शिक्षार्थी और 42 लाख स्वयंसेवक शामिल किये गए, जिनमें से 1.83 करोड़ शिक्षार्थियों ने प्रारंभिक साक्षरता मूल्यांकन पूरा किया और 90% सफलता दर प्राप्त की।
  • 7 वर्ष या उससे अधिक आयु का व्यक्ति जो किसी भी भाषा में समझ के साथ पढ़ और लिख सकता हो, उसे साक्षर माना जाता है।
  • कार्यात्मक साक्षरता: किसी व्यक्ति की वह क्षमता है जिससे वह पढ़ाई, लेखन और संख्यात्मक कौशल का उपयोग दैनिक कार्यों में कर सके, जो व्यक्तिगत विकास और सामुदायिक भागीदारी में योगदान करता है।
  • भारत की कुल साक्षरता दर 80.9% है (PLFS 2023-24) ।