09-Sep-2025
भारत का संघीय ढांचा और जम्मू-कश्मीर राज्य
भारतीय राजनीति
चर्चा में क्यों?
सर्वोच्च न्यायालय (SC) ने केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर के लिये राज्य का दर्जा बहाल करने पर विस्तृत जवाब मांगा है (ज़हूर अहमद भट बनाम जम्मू-कश्मीर संघशासित प्रदेश वाद)।
- जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम (2019) द्वारा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को संघशासित प्रदेश बनाया गया हालाँकि वर्ष 2023 में SC ने इसकी संवैधानिक वैधता का अनुरक्षण किया परंतु स्पष्ट किया था कि भविष्य में राज्य का दर्जा बहाल करना अनिवार्य है।
- राज्य का दर्जा बहाल करने में विलंब संघवाद (जो संविधान की मूल संरचना का हिस्सा है) की भावना को कमज़ोर करता है, निर्वाचित प्रतिनिधियों की शक्तियाँ सीमित हो जाती हैं हालाँकि समर्थकों का मत है कि सुरक्षा कारणों से केंद्र का नियंत्रण आवश्यक है।
- राज्य का दर्जा बहाल करने के लिये जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को निरस्त करना होगा, अतः संसद में नया विधेयक पारित करना होगा।
- संघशासित प्रदेश जो बाद में राज्य बने; हिमाचल प्रदेश (1971), मणिपुर एवं त्रिपुरा (1972), अरुणाचल प्रदेश और मिज़ोरम (1987), गोवा (1987)।
भारत में राज्यों का निर्माण
- प्रवेश: एक नया राज्य अंतर्राष्ट्रीय विधि के तहत संगठित राजनीतिक इकाई होने पर भारत में शामिल किया जा सकता है (उदाहरण: 1947 में जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय – Instrument of Accession)।
- स्थापना: अंतर्राष्ट्रीय विधि के तहत अधिगृहीत क्षेत्र को राज्य बनाया जा सकता है (उदाहरण: गोवा और सिक्किम)।
- निर्माण/पुनर्गठन (भारतीय संविधान का अनुच्छेद 3): संसद सीमाओं में परिवर्तन/क्षेत्रों का विलय कर नए राज्य बना सकती है (उदाहरण: तेलंगाना का निर्माण)।
- सीमा निर्धारण: हालाँकि केंद्र किसी राज्य के क्षेत्र को कम कर सकता है, किंतु उसे केंद्रशासित प्रदेश में बदलने का उल्लेख संविधान में नहीं है।
- फिर भी, कुछ विशेष परिस्थितियाँ ऐसी रही हैं जिन्होंने केंद्रशासित प्रदेशों के निर्माण की संभावना को जन्म दिया
केंद्रशासित प्रदेशों के निर्माण के संबंध में विचारणीय विषय
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