19-May-2025
संसद रत्न पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
लोकसभा और राज्यसभा दोनों के 17 सांसदों के साथ-साथ दो संसदीय समितियों को प्रतिष्ठित संसद रत्न पुरस्कार 2025 के लिये नामित किया गया है।
संसद रत्न पुरस्कार के बारे में
- पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की शिक्षाओं से प्रेरित होकर, संसद में उनके कार्य के आधार पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले सांसदों को सम्मानित करने और मान्यता देने के लिये वर्ष 2010 में संसद रत्न पुरस्कार की स्थापना की गई थी।
- पुरस्कार विजेताओं का चयन प्रतिष्ठित सांसदों और नागरिक समाज के सदस्यों से बनी एक निर्णायक समिति द्वारा किया जाता है, जो सांसदों का उनके समग्र प्रदर्शन के आधार पर मूल्यांकन करती है, जिसमें उठाए गए प्रश्नों की संख्या, प्रस्तुत किये गए निजी सदस्यों के विधेयक, शुरू की गई बहस, उपस्थिति और निधि उपयोग शामिल हैं।
- संसद रत्न पुरस्कार प्राइम प्वाइंट फाउंडेशन द्वारा प्रदान किये जाते हैं, भारत सरकार द्वारा नहीं।
जूरी समिति: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) के अध्यक्ष हंसराज अहीर की अध्यक्षता में।
पुरस्कार के लिये चुने गए सांसदों की सूची इस प्रकार है:
सांसद का नाम |
दल |
भर्तृहरि महताब |
भाजपा |
सुप्रिया सुले |
एनसीपी-एसपीए |
एन.के. प्रेमचंद्रन |
आरएसपी |
श्रीरंग अप्पा बारणे |
शिवसेना |
स्मिता वाघ |
भाजपा |
अरविंद सावंत |
शिवसेना - उद्धव गुट |
नरेश गणपत म्हस्के |
शिवसेना |
वर्षा गायकवाड़ |
कांग्रेस |
मेधा कुलकर्णी |
भाजपा |
प्रवीण पटेल |
भाजपा |
रवि किशन |
भाजपा |
निशिकांत दुबे |
भाजपा |
विदुत बरन महतो |
भाजपा |
पीपी चौधरी |
भाजपा |
मदन राठौड़ |
भाजपा |
सीएन अन्नादुरई |
द्रमुक |
दिलीप सैकिया |
भाजपा |
इसके अलावा दो प्रमुख संसदीय समितियों - वित्त समिति (भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता में) और कृषि समिति (चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में) को भी उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये चुना गया है।