15-Jul-2025
भारत में त्रि-भाषा नीति
विविध
चर्चा में क्यों ?
महाराष्ट्र सरकार ने मराठी और अंग्रेज़ी माध्यम के विद्यालयों में कक्षा 1 से 5 तक हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा के रूप में लागू करने वाले अपने शासन निर्णय (GR) को रद्द कर दिया है।
निर्णय के बारे में
- यद्यपि यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के अनुरूप था, जो त्रि-भाषा फार्मूले के माध्यम से बहुभाषावाद को बढ़ावा देता है, लेकिन भाषायी पहचान, सांस्कृतिक आधिपत्य और कार्यान्वयन की व्यवहार्यता पर चिंताओं के कारण इसे वापस ले लिया गया।
- सरकार ने त्रिभाषा नीति का अध्ययन करने के लिये प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त की है।
NEP 2020 भाषा के संबंध में क्या प्रावधान करता है?
शिक्षण का माध्यम
- मातृभाषा को कम-से-कम कक्षा 5 तक, और अधिमानतः कक्षा 8 या उससे आगे तक शिक्षण का माध्यम बनाए जाने की सिफारिश की गई है।
- प्रारंभिक कक्षाओं में मातृभाषा के साथ अंग्रेज़ी का द्विभाषीय शिक्षण प्रोत्साहित किया गया है।
बहुभाषावाद
- यह नीति नम्यता प्रदान करती है अर्थात् किसी भी राज्य पर कोई भाषा अधिरोपित नहीं जाएगी।
- पूर्ववर्ती NEP 1968 के विपरीत, यह राज्यों को अपनी भाषा-संरचना तय करने की स्वतंत्रता देती है।
- यह नीति तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम जैसी शास्त्रीय भाषाओं के समावेश को बढ़ावा देती है।
विदेशी भाषाएँ
- NEP 2020 के अनुसार माध्यमिक स्तर पर छात्र कोरियाई, जापानी, फ्रेंच, जर्मन और स्पेनिश जैसी विदेशी भाषाएँ सीख सकते हैं।
- CBSE के दिशानिर्देशों के अनुसार, छात्र कक्षा 10 तक दो भारतीय भाषाएँ सीखेंगे, जबकि कक्षा 11 और 12 में वे एक भारतीय भाषा तथा एक विदेशी भाषा चुन सकते हैं।
भाषा से संबंधित संवैधानिक प्रावधान
- अनुच्छेद 29: नागरिकों को अपनी विशिष्ट भाषा, लिपि और संस्कृति को संरक्षित करने का अधिकार देता है।
- अनुच्छेद 343: देवनागरी लिपि में हिंदी को संघ की राजभाषा घोषित करता है; साथ ही अंग्रेज़ी के प्रयोग की अनुमति 1950 से 15 वर्षों तक दी गई थी (बाद में विधि द्वारा बढ़ाई गई)।
- अनुच्छेद 346: राज्यों के आपसी संवाद और संघ के साथ संपर्क के लिये राजभाषा का प्रावधान करता है; यदि संबंधित राज्य सहमत हों तो हिंदी का प्रयोग किया जा सकता है।
- अनुच्छेद 347: यदि किसी भाषा-समूह की जनसंख्या पर्याप्त हो, तो राष्ट्रपति उस भाषा को किसी राज्य या उसके भाग में राजकीय भाषा के रूप में मान्यता दे सकते हैं।
- अनुच्छेद 350A: राज्यों को निर्देशित करता है कि वे भाषायी अल्पसंख्यकों के बच्चों को उनकी मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराएँ।
- अनुच्छेद 350B: भाषायी अल्पसंख्यकों के लिये विशेष अधिकारी की नियुक्ति का प्रावधान करता है, जो उनके संरक्षण से संबंधित रिपोर्ट राष्ट्रपति को देगा।
- अनुच्छेद 351: केंद्र सरकार को निर्देशित करता है कि वह हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार करे और उसे अन्य भारतीय भाषाओं के तत्त्वों से समृद्ध बनाए।
- आठवीं अनुसूची: इसमें 22 अनुसूचित भाषाएँ सूचीबद्ध हैं, जैसे-हिंदी, बांग्ला, तमिल, तेलुगु, उर्दू आदि।
MCQ के माध्यम से तैयारीप्रश्न. भारतीय संविधान का कौन-सा अनुच्छेद राज्यों को भाषायी अल्पसंख्यक समूहों से संबंधित बच्चों को मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने का निर्देश देता है?(1) अनुच्छेद 29 उत्तर: (3) अनुच्छेद 350A |