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05 अगस्त, 2024

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 05-Aug-2024

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  करेंट अफेयर्स  

AXIOM-4 मिशन

चर्चा में क्यों?

भारत ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station- ISS) के लिये AXIOM-4 मिशन हेतु ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और प्रशांत बालकृष्णन नायर को चुना है। यह मिशन इसरो-नासा के संयुक्त प्रयास का हिस्सा है। ग्रुप कैप्टन शुक्ला प्राइम मिशन पायलट के रूप में काम करेंगे, जबकि ग्रुप कैप्टन नायर बैकअप के रूप में काम करेंगे।

AXIOM-4 मिशन के बारे में

  • AXIOM मिशन 4 या Ax-4 अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिये एक निजी अंतरिक्ष उड़ान है।
  • इसका संचालन AXIOM स्पेस द्वारा किया जाता है तथा यह स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान का उपयोग करता है।
  • यह उड़ान नासा के सहयोग से की जा रही है और यह AXIOM मिशन 1, AXIOM मिशन 2 तथा AXIOM मिशन 3 के बाद AXIOM स्पेस की चौथी उड़ान होगी।
  • इसे वर्ष 2024 में लॉन्च किया जाना था और यह पृथ्वी की निम्न कक्षा (Low Earth Orbit- LEO) में एक स्थायी मानव उपस्थिति स्थापित करने के लिये कंपनी के अग्रणी प्रयासों को जारी रखेगा।
  • उद्देश्य:
    • इसका उद्देश्य वैज्ञानिक अनुसंधान, तकनीकी विकास और अंतरिक्ष पर्यटन सहित अंतरिक्ष में वाणिज्यिक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाना है।
    • यह विभिन्न देशों के अंतरिक्ष यात्रियों के एक विविध दल को ले जाएगा, जो अंतरिक्ष अन्वेषण में बढ़ती अंतर्राष्ट्रीय रुचि को दर्शाता है।
    • यह मिशन अंतरिक्ष के अद्वितीय सूक्ष्मगुरुत्व वातावरण में विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों और तकनीकी परीक्षणों में सहायता करेगा।

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के बारे में (International Space Station- ISS):

  • अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) एक मॉड्यूलर अंतरिक्ष स्टेशन है जिसे वर्ष 1998 में प्रक्षेपित किया गया था और यह अंतरिक्ष में सबसे बड़ी कृत्रिम वस्तु है।
  • यह अंतरिक्ष में स्थित एक बड़ी प्रयोगशाला है, जो अंतरिक्ष यात्रियों को सूक्ष्मगुरुत्व में प्रयोग करने के लिये हफ्तों अथवा महीनों तक वहाँ रहने की अनुमति देती है।
  • अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहला दल 2 नवंबर, 2000 को पहुँचा।
  • उद्देश्य: खगोल जीवविज्ञान, खगोल विज्ञान, मौसम विज्ञान, भौतिकी और अन्य क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान करना।
  • यह लगभग 93 मिनट में पृथ्वी की परिक्रमा करता है तथा प्रतिदिन 15.5 परिक्रमा पूरी करता है। वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में आठ सौर ऊर्जा संयंत्र हैं, जो कुल मिलाकर लगभग 160 किलोवाट विद्युत का उत्पादन करते हैं।
  • ऊँचाई: 400 किमी.

नोट

मॉड्यूलर स्टेशनों के माध्यम से मौजूदा संरचना में मॉड्यूल जोड़े अथवा हटाए जा सकते हैं, जिससे अधिक लचीलापन मिलता है


दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संगठन (ASSOCIATION OF SOUTHEAST ASIAN NATIONS- ASEAN)- आसियान भारत वस्तु व्यापार समझौता (ASEAN India Trade in Goods Agreement- AITIGA)

चर्चा में क्यों?

आसियान और भारत के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिये इंडोनेशिया के जकार्ता स्थित आसियान सचिवालय में पाँचवीं AITIGA संयुक्त समिति की बैठक आयोजित की गई। आसियान भारत का एक महत्त्वपूर्ण व्यापार भागीदार है, जिसकी भारत के वैश्विक व्यापार में लगभग 11% हिस्सेदारी है। वर्ष 2009 में हस्ताक्षरित AITIGA की समीक्षा से भारत-आसियान व्यापार के स्तर को बढ़ाने के लिये दोनों पक्षों के व्यवसायों के लिये और अवसर उत्पन्न करने में मदद मिलेगी। AITIGA संयुक्त समिति की अगली बैठक नवंबर 2024 में भारत में होगी।


  • स्थापना: 8 अगस्त, 1967, बैंकॉक, थाईलैंड
  • संस्थापक: अब्दुल रज़ाक हुसैन, नार्सिसो रामोस, एडम मलिक, सिन्नाथम्बी राजारत्नम, थानात खोमन
  • मुख्यालय: जकार्ता, इंडोनेशिया
  • आदर्श वाक्य: एक दृष्टि, एक पहचान, एक समुदाय
  • सदस्य राष्ट्र: इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्याँमार, कंबोडिया
  • यह दक्षिण पूर्व एशिया के 10 राज्यों का एक राजनीतिक और आर्थिक संगठन है।
  • भारत ने वर्ष 1992 में क्षेत्रीय वार्ता साझेदार (सचिव स्तरीय बातचीत) के रूप में तथा तत्पश्चात् वर्ष 1995 में वार्ता साझेदार के रूप में आसियान के साथ औपचारिक सहभागिता शुरू की।
  • उद्देश्य:
  • समृद्ध, शांतिपूर्ण दक्षिण पूर्व एशियाई समुदाय के लिये आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति और सांस्कृतिक विकास में तेज़ी लाना।
  • न्याय के प्रति सम्मान, कानून के शासन और संयुक्त राष्ट्र सिद्धांतों के पालन के माध्यम से क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को बढ़ावा देना।
  • आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, तकनीकी, वैज्ञानिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में सक्रिय सहयोग एवं पारस्परिक सहायता को प्रोत्साहित करना।
  • कृषि और उद्योगों के बेहतर उपयोग, व्यापार का विस्तार, बेहतर परिवहन का विकास तथा संचार एवं उच्च जीवन स्तर के लिये सहयोग बढ़ाना।
  • दक्षिण पूर्व एशियाई अध्ययन को बढ़ावा देना।
  • मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के साथ घनिष्ठ एवं लाभकारी सहयोग को बनाए रखना।


वायनाड भूस्खलन

चर्चा में क्यों?

केरल के वायनाड ज़िले में अत्यधिक वर्षा और संवेदनशील पारिस्थितिक स्थितियों के कारण भूस्खलन से संबंधित सबसे विनाशकारी आपदाओं में से एक देखी गई है। ज़िले में 24 घंटे में 140 मिमी. से अधिक वर्षा हुई, जो अनुमानों से कहीं अधिक है और वर्ष 2018 की विनाशकारी बाढ़ की याद दिलाती है।

  • भूस्खलन के बारे में:
  • भूस्खलन, ढलान पर चट्टान, मृदा और मलबे का नीचे की ओर खिसकना है, जो छोटे परिवर्तनों से लेकर बड़ी, विनाशकारी घटनाओं तक हो सकता है।
  • यह प्राकृतिक अथवा मानव निर्मित ढलानों पर हो सकता है और अत्यधिक वर्षा, भूकंप, ज्वालामुखी गतिविधि, मानवीय गतिविधियों तथा भूजल स्तर में परिवर्तन जैसे कारकों से उत्पन्न होता है।
  • प्रकार:
    • ढाल: टूटी हुई सतह पर गति, जिसमें घूर्णी और स्थानांतरणीय ढाल शामिल हैं।
    • प्रवाह: जल के साथ मिश्रित मृदा अथवा चट्टान तरल पदार्थ की तरह प्रवाहित होती है, जैसे भू-प्रवाह, मलबे का प्रवाह, कीचड़ का प्रवाह और सरकना।
    • फैलाव: द्रव्यमान का पार्श्व विस्तार और दरार, प्रायः द्रवीकरण के कारण होता है।
    • टॉपल (Topples): ऊर्ध्वाधर या लगभग ऊर्ध्वाधर ढलान से आगे की ओर घूर्णन और स्वंतत्र रूप से गिरना।
    • गिरना: किसी खड़ी ढलान या चट्टान से अलग होना, मुक्त रूप से गिरना, उछलना अथवा लुढ़कना।


  • कारण
    • अत्यधिक वर्षा: मृदा को संतृप्त करती है, जिससे इसकी स्थिरता कम हो जाती है
    • भूकंप: कंपन ढलानों को अस्थिर करता है और भूस्खलन को ट्रिगर करता है
    • ज्वालामुखी गतिविधि: विस्फोट और मैग्मा का संचलन भूस्खलन का कारण बन सकते हैं
    • ढलान संतृप्ति: अत्यधिक सिंचाई या टूटी हुई पाइप ढलानों को संतृप्त कर सकती है
    • वनों की कटाई: वृक्षों को हटाने से जड़ों का समर्थन और मृदा की स्थिरता कम हो जाती है
    • मृदा अपरदन: प्राकृतिक या मानवीय गतिविधियाँ जो मृदा को नष्ट करती हैं, भूस्खलन को ट्रिगर कर सकती हैं।
    • मानवीय गतिविधियाँ: निर्माण, खनन और सड़क निर्माण ढलानों को अस्थिर कर सकते हैं।
    • अपक्षय: समय के साथ चट्टानों और मृदा अपक्षय से ढलान कमज़ोर हो जाती है।
    • ढलान कोण: ढलान अधिक खड़ी होने पर भूस्खलन का खतरा अधिक होता है।
    • भूजल दबाव: भूजल दबाव में वृद्धि से मृदा की स्थिरता कम हो सकती है।

भारत में प्रमुख भूस्खलन-प्रवण क्षेत्र

  • पूर्वोत्तर क्षेत्र (कुल भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों का लगभग 50% हिस्सा)
  • हिमालय के साथ उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर।
  • पश्चिमी घाट पर महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु
  • आंध्र प्रदेश में पूर्वी घाट के किनारे स्थित अराकू क्षेत्र।
  • केरल में लगभग 17,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र, जो मुख्यतः पश्चिमी घाट के पश्चिमी भाग में है, भूस्खलन प्रवण क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया गया है।

भारत में प्रमुख भूस्खलन

  • वर्ष 2013 में केदारनाथ, उत्तराखंड
  • वर्ष 2020 में पेट्टीमुडी, केरल
  • वर्ष 2021 में मुंबई, महाराष्ट्र
  • वर्ष 2022 में तुपल,
  • वर्ष 2023 में रायगढ़, महाराष्ट्र
  • वर्ष 2024 में आइज़ोल,
  • वर्ष 2024 में शिरूर, कर्नाटक

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित योजनाएँ

चर्चा में क्यों

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने अपने मुख्य कार्यक्रमों को तीन व्यापक छत्र योजनाओं में पुनर्गठित किया है: मिशन शक्ति, मिशन पोषण 2.0 और मिशन वात्सल्य। इस पुनर्वर्गीकरण का उद्देश्य महिलाओं तथा बच्चों को सहायता देने वाली पहलों के फोकस एवं प्रभावशीलता को बढ़ाना है।

सक्षम आँगनवाडी और पोषण 2.0

  • उद्देश्य: बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करना तथा आँगनवाड़ी प्रणाली को मज़बूत करना।
  • इस कार्यक्रम के तहत, आँगनवाडी सेवा योजना, पोषण अभियान और किशोरियों के लिये योजना को 3 प्राथमिक उप-वर्टिकल में पुनर्गठित किया गया है:
    • (i) पोषण और किशोरियों के लिये पोषण सहायता
    • (ii) प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा [3-6 वर्ष
    • (iii) आधुनिक, उन्नत सक्षम आँगनवाड़ियों सहित आँगनवाड़ी अवसंरचना।

मिशन शक्ति

  • उद्देश्य: महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तीकरण सुनिश्चित करना।
  • इसमें दो श्रेणियों के अंतर्गत योजनाएँ शामिल होंगी: महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षा के लिये संबल एवं महिलाओं के सशक्तीकरण के लिये सामर्थ्य।
    • संबल: इसमें वन स्टॉप सेंटर (OSC), महिला हेल्पलाइन (181-WHL) और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) जैसी योजनाएँ शामिल हैं।
    • सामर्थ्य: इसमें प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY), उज्ज्वला, स्वाधार गृह (जिसका नाम बदलकर शक्ति सदन कर दिया गया है), कामकाजी महिला छात्रावास (जिसका नाम बदलकर सखी निवास कर दिया गया है), राष्ट्रीय महिला सशक्तीकरण केंद्र (NHEW) और राष्ट्रीय क्रेच योजना (जिसका नाम बदलकर पालना कर दिया गया है) जैसी योजनाएँ शामिल हैं।

मिशन वात्सल्य

  • उद्देश्य: बच्चों की भलाई, सुरक्षा और विकास सुनिश्चित करना।
  • इसने ज़रूरतमंद बच्चों की बेहतर पहुँच और सुरक्षा के लिये एकीकृत बाल संरक्षण योजना (ICPS) को मिशन मोड में शामिल किया है, जिसका उद्देश्य है:
    • (i) कठिन परिस्थितियों में बच्चों को सहायता और सहारा देना।
    • (ii) विभिन्न पृष्ठभूमियों के बच्चों के समग्र विकास के लिये संदर्भ-आधारित समाधान विकसित करना।
    • (iii) नवीन समाधानों को प्रोत्साहित करने के लिये ग्रीन फील्ड परियोजनाओं के लिये गुंजाइश प्रदान करना।
    • (iv) यदि आवश्यक हो तो गैप फंडिंग द्वारा अभिसरण कार्रवाई को मज़बूत करना।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय

  • स्थापना: 30 जनवरी, 2006
  • प्रमुख: अन्नपूर्णा देवी
  • उद्देश्य: शैक्षिक कार्यक्रम, स्वास्थ्य सेवाएँ और कौशल विकास के अवसर प्रदान करके महिलाओं तथा बच्चों के समग्र विकास के लिये अनुकूल वातावरण प्रदान करना।


पेरिस ओलंपिक 2024

चर्चा में क्यों?

पिछले तीन दिनों में विजेताओं की सूची को कवर करना।

  • नोवाक जोकोविच
    • वह सर्बियाई पेशेवर टेनिस खिलाड़ी हैं।
    • उन्होंने रविवार को रोलांड गैरोस में पुरुष एकल फाइनल में स्पेन के कार्लोस अल्काराज़ को हराकर अपना पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
  • नोह लाइल्स
    • वह एक अमेरिकी धावक हैं जो 100 मीटर और 200 मीटर स्पर्द्धाओं के लिये जाने जाते हैं।
    • उन्होंने पुरुषों की रोमांचक 100 मीटर दौड़ को 9.784 सेकंड में पूरा करके स्वर्ण पदक जीता और विश्व के सबसे तेज़ धावक बन गए।
  • बॉबी 
    • वह एक अमेरिकी तैराक हैं जो डिस्टेंस फ्रीस्टाइल स्पर्द्धाओं में अपनी उपलब्धियों के लिये  जाने जाते हैं।
    • उन्होंने पुरुषों की 1,500 मीटर फ्रीस्टाइल में लगातार दूसरा ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने के लिये 12 वर्ष पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया।
  • क्रिस्टन फॉल्कनर
    • वह संयुक्त राज्य अमेरिका की एक पेशेवर साइकिल चालक हैं।
    • वह वर्ष 1984 में कोनी कारपेंटर के बाद महिलाओं की सड़क दौड़ में स्वर्ण जीतने वाली पहली अमेरिकी बनीं।

  सामान्य ज्ञान  

लेबनान

  • स्थान: पूर्वी भूमध्य सागर, उत्तर और पूर्व में सीरिया, दक्षिण में इज़रायल तथा पश्चिम में भूमध्य सागर से घिरा हुआ है।
  • राजधानी: बेरूत
  • मुद्रा: लेबनानी पाउंड (LBP)
  • इसने वर्ष 1943 में फ्राँसीसी शासनादेश से स्वतंत्रता प्राप्त की।
  • आधिकारिक भाषा: अरबी
  • सरकार: संसदीय लोकतंत्र जिसमें एक अनूठी स्वीकारोक्ति प्रणाली है।
  • प्रधानमंत्री: नजीब मिकाती
  • प्रमुख पार्टियाँ: हिज़्बुल्लाह, फ्यूचर मूवमेंट, फ्री पैट्रियटिक मूवमेंट और अमल मूवमेंट।
  • इसने वर्ष 1975 से 1990 तक गृहयुद्ध का अनुभव किया।
  • विवादित क्षेत्र
  • शेबा फार्म: लेबनानी-सीरियाई सीमा और गोलान हाइट्स के चौराहे पर ज़मीन की एक छोटी सी पट्टी।
  • गजर गाँव: एक गाँव जो लेबनान और इज़रायल के कब्ज़े वाले गोलान हाइट्स के बीच की सीमा पर विस्तृत है।

हिज़्बुल्लाह

  • यह लेबनान में स्थित एक शिया इस्लामवादी राजनीतिक दल और उग्रवादी समूह है।
  • स्थापना: 1982 में लेबनानी गृहयुद्ध के दौरान।
  • नेतृत्व: महासचिव हसन नसरल्लाह
  • लक्ष्य: इज़रायल के कब्ज़े का विरोध करना, शिया राजनीतिक शक्ति को बढ़ावा देना और लेबनान में एक इस्लामी राज्य की स्थापना करना।
  • इसे ईरान से समर्थन प्राप्त है, जो इस समूह को क्षेत्र में एक रणनीतिक सहयोगी के रूप में देखता है।
  • यह 1990 के दशक की शुरुआत से लेबनानी चुनावों में भाग ले रहा है।
  • सैन्य अभियान
  • वर्ष 1980-2000: दक्षिणी लेबनान में इज़रायली सेना के विरुद्ध गुरिल्ला युद्ध में शामिल, जिसकी परिणति वर्ष 2000 में इज़रायल की वापसी के रूप में हुई।
  • वर्ष 2006 लेबनान युद्ध: इज़रायल के साथ एक महीने तक युद्ध लड़ा, जिसमें भारी क्षति, रॉकेट हमले और महत्त्वपूर्ण विनाश हुआ।
    सीरियाई गृह युद्ध: असद शासन का समर्थन करने, लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने और विद्रोही समूहों के खिलाफ सैन्य अभियान चलाने में सक्रिय रूप से शामिल।
  • इसे कई देशों द्वारा आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है।