22-Jul-2025
राष्ट्रीय ध्वज दिवस 2025
विविध
चर्चा में क्यों?
भारत प्रत्येक वर्ष 22 जुलाई को राष्ट्रीय ध्वज दिवस (या तिरंगा अंगीकरण दिवस) के रूप में मनाता है। इस दिन, संविधान सभा ने 22 जुलाई, 1947 को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) को आधिकारिक रूप से अंगीकृत किया था।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को अंतिम स्वरूप दिये जाने से पहले कई बदलाव किये गये।
- ध्वज का पहला संस्करण वर्ष 1904 में सिस्टर निवेदिता द्वारा बनाया गया था, जिसमें लाल और पीले रंग विजय एवं शक्ति के प्रतीक थे तथा बंगाली में “वंदे मातरम” लिखा हुआ था।
- स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई वर्षों तक अनेक डिज़ाइन प्रस्तावित किये गये।
- वर्तमान तिरंगा को आधिकारिक तौर पर 22 जुलाई 1947 को अंगीकृत किया गया था।
- इसमें तीन क्षैतिज पट्टियाँ हैं- केसरिया, सफेद और हरा।
- पूर्व में प्रयुक्त चरखा के स्थान पर अशोक चक्र को अपनाया गया, जो प्रगति और न्याय का प्रतीक है।
- 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार तिरंगे को फहराया।
महत्त्व
- राष्ट्रीय ध्वज दिवस नागरिकों को स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किये गए बलिदान की याद दिलाता है और उनमें गर्व, देशभक्ति एवं एकता की भावना उत्पन्न करता है।
- यह दिन भारतीय ध्वज संहिता के प्रति सम्मान और राष्ट्रीय ध्वज द्वारा प्रदर्शित मूल्यों को बनाए रखने की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है।
ध्वज के रंगों और प्रतीकों का अर्थ
- केसरिया (शीर्ष पट्टी): वीरता, साहस तथा स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का प्रतीक।
- सफेद (मध्य पट्टी): पवित्रता, सत्य और शांति का प्रतीक।
- हरा (निचली पट्टी): उर्वरता, विकास, समृद्धि तथा भारत की कृषि विरासत का प्रतीक।
- अशोक चक्र (गहरा नीला): यह "न्याय का चक्र" है, जो निरंतर प्रगति और जीवन में गति का प्रतीक है।
MCQ के माध्यम से तैयारीप्रश्न. भारत में राष्ट्रीय ध्वज दिवस (तिरंगा अंगीकरण दिवस) कब मनाया जाता है? (1) 15 अगस्त उत्तर: (3) 22 जुलाई |