24-Oct-2024

चक्रवात दाना से ओडिशा तट पर खतरा

भूगोल

चर्चा में क्यों? 

ओडिशा तट पर एक तीव्र चक्रवात दाना आ रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने तेज़ हवाओं और भारी वर्षा की भविष्यवाणी की है। कई ज़िले बुरी तरह प्रभावित होंगे और एहतियाती उपाय जैसे निकासी और सेवाओं को रद्द करना लागू किया गया है। 

उष्णकटिबंधीय चक्रवात

  • गठन और विशेषताएँ  
    • ये तीव्र चक्रवात हैं जो उष्ण समुद्री जल के ऊपर बनते हैं। 
    • इन्हें विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे चक्रवात, हरिकेन, टाइफून और विली-विलीज़। 
  • गठन के लिये आवश्यक शर्तों में शामिल हैं 
    • उष्ण महासागर का तापमान, 
    • कोरिओलिस बल 
    • न्यूनतम ऊर्ध्वाधर पवन विविधताएँ 
    • पहले से मौजूद कम दबाव 
    • ऊपरी विचलन
  • चक्रवात की ऊर्जा क्यूम्यलोनिम्बस बादलों के भीतर संघनन से आती है। 
  • लैंडफॉल तब होता है जब चक्रवात तट को पार कर जाता है, जिससे नमी की आपूर्ति बंद हो जाती है और अपव्यय होता है। 
  • 20° उत्तरी अक्षांश को पार करने के बाद जो चक्रवात पुनः आते हैं, वे अधिक विनाशकारी होते हैं। 
  • एक परिपक्व उष्णकटिबंधीय चक्रवात की संरचना 
    • अक्षु (Eye): चक्रवात के केंद्र में एक शांत क्षेत्र। 
    • अक्षु भित्ति (Eye Wall): नेत्र के चारों ओर विशाल बादलों की एक घेरा, जिसमें सबसे तेज़ हवाएँ और भारी वर्षा होती है। 
    • रेन बैंड (Rain Bands): चक्रवात के बाहरी क्षेत्र, जहाँ विस्तृत बादल और वर्षा होती है। 
  • उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का प्रभाव 
    • तेज़ हवाएँ इमारतों, पेड़ों और विद्युत लाइनों को व्यापक क्षति पहुँचा सकती हैं। 
    • भारी वर्षा से बाढ़, भूस्खलन और कटाव हो सकता है। 
    • चक्रवाती लहरें (समुद्र का बढ़ता स्तर) तटीय क्षेत्रों को जलमग्न कर सकती हैं, जिससे संपत्ति और बुनियादी ढाँचे को भारी नुकसान हो सकता है। 
    • इनके कारण चोट लगने, डूबने और विस्थापन के कारण मानव जीवन की भारी हानि हो सकती है। 
  • शमन और प्रतिक्रिया 
    • पूर्व चेतावनी प्रणालियाँ: प्रभावित जनसंख्या को समय पर चेतावनी प्रदान करने के लिये उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की निगरानी और पूर्वानुमान। 
    • निकासी योजनाएँ: भूस्खलन से पहले संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिये तैयारी के उपाय। 
    • बुनियादी ढाँचे में सुधार: भवन संहिता और निर्माण पद्धतियाँ जो तेज़ हवाओं और बाढ़ का सामना कर सकें। 
    • आपदा प्रतिक्रिया दल: प्रभावित क्षेत्रों में राहत और सहायता प्रदान करने के लिये संगठित प्रयास।