02-Jul-2025

भारत के नए आपराधिक कानून

भारतीय राजनीति

चर्चा में क्यों? 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के एक वर्ष पूरे होने के अवसर को चिह्नित किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि ये नए आपराधिक कानून न्याय प्रणाली को अधिक किफायती, सुलभ और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम हैं। 

नये आपराधिक कानून 

  • तीनों नए कानून औपनिवेशिक युग के दंडात्मक मॉडल से हटकर न्याय प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, साथ ही पुलिस जाँच और न्यायिक प्रक्रियाओं में आधुनिक तकनीक को शामिल करते हैं।
  • ये कानून अब आतंकवाद, मॉब लिंचिंग (असंयत भीड़ द्वारा हत्या), संगठित अपराध और महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराधों के लिये वर्द्धित दंड का प्रावधान करते हैं। 

पुराना कानून 

नया कानून 

भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 

भारतीय न्याय संहिता (BNS) 

दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) 

 

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 

 

भारतीय साक्ष्य अधिनियम (IEA), 1872 

  भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) 

 

नये आपराधिक कानूनों की विशेषताएँ 

भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 

  • राजद्रोह कानून (Sedition law) को हटा दिया गया, लेकिन एक नया प्रावधान अलगाववाद, अलगाववाद, विद्रोह और भारत की संप्रभुता और एकता के खिलाफ किसी भी तरह के कृत्य को दंडित करता है।  
  • नाबालिगों के साथ लैंगिक अपराध और असंयत भीड़ द्वारा हत्या (mob lynching) के लिये मृत्युदंड की शुरुआत की गई।  
  • भारतीय कानून में पहली बार सामुदायिक सेवा को दंड के विकल्प के रूप में जोड़ा गया। 

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 

 

  • बहस पूरी होने के 30 दिनों के भीतर जाँच, सुनवाई और निर्णय की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। 
  • यौन उत्पीड़न की पीड़िताओं के बयानों की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य होगी।
  • नए प्रावधान के तहत अपराध से अर्जित संपत्ति और आय को ज़ब्त किया जा सकेगा।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA), 2023 

  • ईमेल, सर्वर लॉग, एसएमएस, मोबाइल डेटा, स्थान  की जानकारी आदि जैसे इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल साक्ष्य को वैध दस्तावेज़ के रूप में मान्यता दी गई है। 
  • सभी कानूनी रिकॉर्ड जैसे FIR, चार्जशीट, केस डायरी और निर्णय को डिजिटल किया जाएगा। 
  • डिजिटल साक्ष्यों को अब पारंपरिक कागजी दस्तावेज़ों के समान कानूनी मान्यता प्राप्त होगी, जिससे न्यायिक प्रक्रिया अधिक प्रभावी और तकनीकी रूप से सशक्त बनेगी।

   

MCQ के माध्यम से तैयारी 

प्रश्न : भारत की नई आपराधिक विधि व्यवस्था के तहत निम्नलिखित में से किस कानून ने भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 का स्थान ले लिया है?

(1) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 
(2) भारतीय न्याय संहिता (BNS) 
(3) भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) 
(4) आपराधिक न्याय संहिता (CJC) 

उत्तर: (2) भारतीय न्याय संहिता (BNS)